India News(इंडिया न्यूज),America-India: भारत और अमेरिका के राजनीतिक विचारों में इन दिनों मेल सा दिख रहा है। वहीं भारतीय संस्कृति और भारत-अमेरिका संबंधों की विविधता का जश्न मनाने के लिए भारतीय दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम में अमेरिका के उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने भारत और अमेरिका के रिश्ते का जिक्र किया। साथ ही वर्मा ने गांधी की विचारधारा का भी जिक्र किया।
भारत-अमेरिका रिश्तें पर बातें
जानकारी के लिए बता दें कि, इंडियन हाउस में आयोजित इस कार्यक्रम में बाइडन प्रशासन के शीर्ष भारतीय-अमेरिकी अधिकारियों और अमेरिका भर के प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेताओं ने हिस्सा लिया। वहीं महात्मा गांधी के जीवन और विरासत का सम्मान करते हुए बाइडन प्रशासन के शीर्ष अधिकारी वर्मा ने कहा कि, अमेरिका-भारत संबंध साझा विचारों और साझा मूल्यों पर आधारित हैं।
बापू के विचार
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उप विदेश मंत्री रिचर्ड वर्मा ने बापू के विचारों का जिक्र करते हुए कहा कि, दोनों देशों में सबसे ऊपर लोकतंत्र और सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता है। गांधी ने 1942 में राष्ट्रपति रूजवेल्ट को लिखा था कि उन्हें थोरो और इमर्सन के लेखन से बहुत लाभ हुआ है और कुछ साल बाद डॉ मार्टिन लूथर किंग ने लिखा- यह गांधी और उनके प्रेम और अहिंसा का असर था कि मैंने समाज सुधार के लिए तरीका ढूंढ निकाला।
- गांधी का दर्शन
गांधी का दर्शन आजादी उत्पीड़ित लोगों की आजादी के लिए एकमात्र नैतिक और व्यावहारिक रूप से उपयुक्त तरीका था। इसके साथ ही वर्मा ने कहा कि, अमेरिका और भारत सभी लोगों के लिए निष्पक्षता और न्याय की वकालत करते हैं। ये मूल्य वह गोंद है जो हमारे देशों को एक साथ जोड़े रखता है। यही कारण था कि 60 साल पहले मेरे पिता ने इस देश को बसने के लिए चुना। वह हमें याद दिलाना पसंद करते हैं कि उनकी जेब में तब केवल 14 डॉलर और एक बस टिकट था। बाकी वे कहते हैं कि यह इतिहास है।
कड़ी मेहनत और जोखिम की कहानियां
इसके साथ ही उप विदेश मंत्री ने आगे कहा कि,”यह कड़ी मेहनत और व्यक्तियों के जोखिम लेने की कहानियां हैं। आप सभी ने वास्तव में दोनों देशों के संबंधों के निर्माण और इसे इस सदी के सबसे महत्वपूर्ण संबंधों में से एक बनाने में कड़ी मेहनत की है। इसके साथ ही वर्मा ने कहा कि, राजनयिक से नेता बने विदेश मंत्री एस जयशंकर आधुनिक भारत-अमेरिका संबंधों के निर्माता हैं। शहर के आधिकारिक दौरे पर आए जयशंकर को बेहद प्रतिभाशाली विदेश मंत्री बताते हुए वर्मा ने कहा कि, वह कह सकते हैं कि शीर्ष भारतीय राजनयिक अमेरिका-भारत के आधुनिक संबंधों के निर्माता हैं।
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