US Statement On BBC Documentary: 2002 गुजरात दंगे पर आधारित बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री इन दिनों विवादों में है। भारत सरकार की ओर से इस डॉक्यूमेंट्री को बैन कर दिया गया है। इसपर प्रतिबंध के फलस्वरूप कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है। देश के अलावा विदेशों में भी इसको लेकर सवाल किया जा रहा है। बीते दिनों इसे लेकर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने प्रतिक्रिया दी है।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा है कि हम मीडिया की स्वतंत्रता का पूरा समर्थन करते हैं। आगे उन्होंने कहा कि वाशिंगटन दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस का समर्थन करता है और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता जैसे लोकतांत्रिक सिद्धांतों को उजागर करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्राइस ने कहा, “हम दुनिया भर में स्वतंत्र प्रेस के महत्व का समर्थन करते हैं।”
रिलीज के बाद विवादों से घिरी डॉक्यूमेंट्री
गौरतलब है कि पीएम मोदी के गुजरात मुख्यमंत्री के कार्यकाल के दौरान साल 2002 में वहां बड़े स्तर पर हिंसा हुई। जिसको लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री पीएम मोदी सहित कई नेताओं को इसका जिम्मेदार ठहराया गया। कोर्ट में मामले भी दर्ज हुए। हालांकि वर्षों की सुनावाई के बाद पीएम मोदी को इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई। पिछलों दिनों उसी घटना पर आधारित बीबीसी के द्वारा दो भाग का एक डॉक्यूमेंट्री रिलीज किया गया है। जिसे विवाद के बाद भारत सरकार की ओर से प्रतिबंधित कर दिया गया।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बीबीसी की कहानी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दावा किया कि यह पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि हमें लगता है कि यह एक प्रचार सामग्री है। इसमें कोई वस्तुनिष्ठता नहीं है। यह पक्षपातपूर्ण है। इसे भारत में प्रदर्शित नहीं किया गया है। हम इस पर अधिक जवाब नहीं देना चाहते हैं।