India News (इंडिया न्यूज), America Visa: अमेरिका में चार भारतीय नागरिकों समेत छह लोगों पर शिकागो और उसके उपनगरों में फर्जी डकैतियां करने की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। यह साजिश इसलिए रची गई ताकि कथित पीड़ितों को अमेरिकी आव्रजन वीजा मिल सके। शिकागो की संघीय अदालत में दायर आरोप थे कि भीखाभाई पटेल, नीलेश पटेल, रवीनाबेन पटेल और रजनी कुमार पटेल ने पार्थ नई और केवोन यंग के साथ मिलकर डकैती की साजिश रची ताकि वे ‘पीड़ित’ के रूप में प्रस्तुत करके ‘यू’ गैर-आप्रवासी का दर्जा प्राप्त कर सकें। यू-वीजा के लिए आवेदन कर सकते हैं।
हजारों डॉलर का किया भुगतान
संयुक्त राज्य अमेरिका में, यू-वीजा कुछ अपराध पीड़ितों को दिया जाता है, जिन्होंने मानसिक या शारीरिक शोषण सहा है और किसी जांच या रिपोर्ट में कानून प्रवर्तन या सरकारी अधिकारियों की सहायता की है। अभियोग में आरोप लगाया गया है कि चार व्यक्तियों ने घोटाले में भाग लेने के लिए बार्बर को हजारों डॉलर का भुगतान किया। अभियोग में कहा गया है कि नकली डकैतियों के दौरान, कुछ लोग हथियारों के साथ कथित पीड़ितों के पास पहुंचे और उन्हें लूट लिया। इसमें कहा गया है कि कथित पीड़ितों ने बाद में प्रमाणन प्राप्त करने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन को फॉर्म जमा किए कि वे एक अपराध के पीड़ित थे और उन्होंने सहयोग किया है और जांच में सहयोग करना जारी रखेंगे।
फर्जी आवेदन को किया जमा
मामले को लेकर न्याय विभाग ने एक बयान में कहा कि, प्रमाणीकरण के बाद, कुछ कथित पीड़ितों ने डकैती पीड़ितों के रूप में अपनी कथित स्थिति के आधार पर अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवाओं के लिए फर्जी यू-वीजा आवेदन जमा किए। नई (26), यंग (31), भीखाभाई पटेल (51), नीलेश पटेल (32), रविनाबेन पटेल (23) और रजनी कुमार पटेल (32) पर वीजा धोखाधड़ी की साजिश रचने का आरोप लगाया गया है। रवीनाबेन पटेल पर वीजा आवेदन में गलत बयान देने का भी एक अलग आरोप लगाया गया है।
इसको लेकर एक मीडिया विज्ञप्ति में कहा गया है कि, धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान है, जबकि वीजा आवेदन में गलत बयान देने के आरोप में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है।
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