India News (इंडिया न्यूज़),White House Khalistan Meeting: इन दिनों अमेरिका भारत के साथ दोहरा खेल खेलने की कोशिश कर रहा है। एक तरफ वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का स्वागत कर रहा है, तो दूसरी तरफ भारत विरोधी खालिस्तानियों से बातचीत कर रहा है। बहुत कम लोग जानते होंगे कि जिस समय अमेरिका के डेलावेयर में क्वाड शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर रहे थे, उसी समय व्हाइट हाउस के अधिकारी खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ गुप्त बैठकें कर रहे थे। इससे एक बार फिर अमेरिका का दोहरा चरित्र उजागर हुआ है। यह वही अमेरिका है, जो खुद को लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का चैंपियन कहता है और दूसरी तरफ भारत में खालिस्तानी आतंकवादियों को पालता-पोसता है और रूसी समाचार चैनलों पर प्रतिबंध लगाता है।
दरअसल, पीएम मोदी की यात्रा के दौरान अमेरिका ने भारत के साथ सेमीकंडक्टर फैब्रिकेशन प्लांट पर समझौता किया है। इसके लिए अमेरिका एक नेशनल सिक्योरिटी फैब स्थापित करेगा, जो कथित तौर पर दोनों देशों के सुरक्षा बलों को चिप्स की आपूर्ति करेगा। दूसरी ओर, पीएम मोदी की यात्रा से ठीक पहले बाइडेन-हैरिस प्रशासन के तहत काम करने वाले अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के उच्च स्तरीय अधिकारियों ने खालिस्तानी आतंकवादियों के साथ बैठक की। उन्होंने इस मुलाकात की जानकारी मीडिया को उस दिन लीक की, जिस दिन मोदी सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने मोदी-बाइडेन की मुलाकात की खुशनुमा तस्वीरें पोस्ट कीं, जिन पर लिखा था: “विश्वसनीय साझेदार।”
खालिस्तानियों की अमेरिकी अधिकारियों से मुलाकात पर भारत ने चुप्पी साधी हुई है। भारत ऐसे बर्ताव कर रहा है, जैसे कुछ हुआ ही न हो। यह पहली बार नहीं है, जब भारत आक्रामक विदेश नीति अपनाने के बजाय अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को देखते हुए चुप बैठा है। इससे पहले भी जब खालिस्तानी आतंकवादियों ने अमेरिका में भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था, तो भारत ने ऐसी प्रतिक्रिया दी थी, जैसे हम असहाय हों। वही अमेरिका, घोषित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की कथित हत्या की साजिश को लेकर भारत पर हमला कर रहा है, जिसके खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं।
अमेरिका की रणनीति भारत को नियंत्रण में रखने की है। इसके लिए अमेरिका खालिस्तानियों को पनाह दे रहा है। वह कनाडा जैसे अमेरिका समर्थक देशों में खालिस्तान आंदोलन को भी बढ़ावा दे रहा है। खालिस्तान कार्ड खेलकर अमेरिका भारत को अपने हिसाब से नियंत्रित करने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, अमेरिका इस रणनीति में शुरू से ही विफल रहा है और इसका प्रत्यक्ष उदाहरण रूस-यूक्रेन युद्ध है। अमेरिका के भारी दबाव के बावजूद भारत ने कभी रूस के खिलाफ कुछ नहीं किया। बल्कि अपने हित में वह रूस के करीब जरूर हो गया है।
Pawan Singh: भोजपुरी स्टार पवन सिंह सच में करने जा रहे तीसरी शादी? पत्नी के दावे ने लाया भूचाल
Baba Vanga Predictions 2025: बाबा वंगा ने 2025 में कुल 5 राशियों के लिए भारी…
India News RJ (इंडिया न्यूज),Akhilesh Yadav in Jaipur: यूपी में उपचुनाव के लिए मतदान खत्म…
Sikandar Khan Lodi Death Anniversary: सिकंदर लोदी ने सरकारी संस्थाओं के रूप में मस्जिदों को…
India News MP (इंडिया न्यूज़), Bhopal: कश्मीर में हो रही बर्फबारी से MP में ठिठुरन…
India News Bihar (इंडिया न्यूज)Raebareli Crime News: बिहार में एक बार फिर जहरीली शराब का…
India News(इंडिया न्यूज), MP News: गबन के आरोप में मध्य प्रदेश के सागर सेंट्रल जेल…