India News (इंडिया न्यूज), India Armenia Defense Partnership : हाल के वर्षों में भारत रक्षा क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। आत्मनिर्भर भारत के तहत अब देश में ही कई उन्नत हथियारों का निर्माण हो रहा है। भारत में बन रहे हथियारों का लोहा दुनिया के कई देश मान रहे हैं। इसी कड़ी में यूरोप के छोटे से देश आर्मेनिया का नाम भी शामिल है। अजरबैजान से युद्ध के चलते दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन पहले ऐसा नहीं था। भारत से हथियार लेने से पहले आर्मेनिया रूस से हथियार लेता था। लेकिन अजरबैजान के खिलाफ युद्ध में रूस से पूरा साथ नहीं मिलने के बाद आर्मेनिया के प्रधानमंत्री पाशिनयान ने एक बयान दिया जिसमें उन्होंने कहा कि हमारे सहयोगी युद्ध में हमारी मदद करने में विफल रहे। इस बयान के बाद कयास लगाए जाने लगे कि आर्मेनिया हथियारों के लिए रूस पर अपनी निर्भरता कम करेगा और अब हुआ भी ऐसा ही। लंबे समय तक रूस से सबसे ज्यादा हथियार खरीदने वाला यह देश अब भारत पर अपनी निर्भरता बढ़ा रहा है।

भारत के हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देश

वित्त मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों के बीच पिनाका मल्टीपल-लॉन्च रॉकेट सिस्टम और आकाश एंटी-एयरक्राफ्ट सिस्टम के सौदे के बाद आर्मेनिया भारत से हथियारों का सबसे बड़ा आयातक देश बन गया है। इतना ही नहीं, रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत तक आर्मेनिया द्वारा भारत से हथियारों की कुल खरीद 600 मिलियन डॉलर तक पहुंच गई है। वहीं, अगर 2023-24 में भारत के रक्षा निर्यात की बात करें तो यह अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, जो करीब 21,083 करोड़ रुपये (करीब 2.63 बिलियन डॉलर) है। यह 2022-23 की तुलना में 32.5 प्रतिशत अधिक है।

भारत से कौन से हथियार खरीद रहा है आर्मेनिया

आर्मेनिया ने 2022 में 15 आकाश-1एस सिस्टम के लिए 720 मिलियन डॉलर का ऑर्डर दिया था। भारत डायनेमिक्स लिमिटेड द्वारा विकसित इस एयर डिफेंस सिस्टम की यह पहली अंतरराष्ट्रीय बिक्री थी, जो इसी साल दी जानी है। आकाश-1एस की मदद से आर्मीनिया लड़ाकू विमान, गाइडेड मिसाइल और ड्रोन जैसे हवाई खतरों से प्रभावी तरीके से खुद का बचाव कर सकेगा। इसके अलावा, अपनी रेंज और सटीकता के लिए मशहूर पिनाका सिस्टम आर्मीनिया की क्षमताओं को प्रभावी तरीके से बढ़ाएगा। इससे उसे पहाड़ी इलाकों में रणनीतिक बढ़त मिलेगी।

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भारत से डोर्नियर-228 विमानों की आपूर्ति से आर्मीनिया की टोही और निगरानी क्षमताएं बढ़ेंगी, जिससे वह अपने हवाई क्षेत्र की निगरानी और नियंत्रण अधिक प्रभावी तरीके से कर सकेगा। भारत ने आर्मीनिया को एंटी टैंक गाइडेड रॉकेट, बुलेट प्रूफ जैकेट, नाइट विजन गॉगल्स, आर्टिलरी और गोला-बारूद और उन्नत रडार भी मुहैया कराए हैं। लेकिन इससे पहले 2011 से 2020 तक आर्मीनिया ने अपने कुल हथियारों का 94% हिस्सा रूस से आयात किया था।

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