संबंधित खबरें
हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर रो पड़ीं शेख हसीना? Yunus को ठहराया जिम्मेदार, अल्पसंख्यकों के दर्द को किया बयां
जेल में फंसा बांग्लादेश का हिंदू शेर, जब निकलेगा तो लगाएगा ऐसी दहाड़, पूरी तरह निगल जाएगा यूनुस सरकार!
‘मुझे शर्म आती है कि मोदी जैसा कमजोर…’, 20 साल बाद जैश आतंकी मसूद अजहर ने PM Modi के खिलाफ उगला जहर, नेतन्याहू को बताया चूहा
PM Modi के दोस्त ट्रंप ने 'भारत के दुश्मन' से बदला, कर दी ट्रूडो से गंदी बेइज्जती, सबके सामने ऐसे निकाली अकड़
इस इस्लामिक देश के मुसलमानों पर सवार हुआ 'हैवान', शुरू हुई ऐसी तबाही…मजा लूट रहे दुनिया के ताकतवर देश
दक्षिण कोरिया में पिछले 6 घंटे में क्या-क्या हुआ, मार्शल लॉ लगाने के बाद आखिर क्यों पीछे हटे राष्ट्रपति योल?
India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh News: सत्ता के दुरुपयोग को रोकने के लिए देश के संविधान संशोधनों में लोकतंत्र की झलक दिखनी जरूरी है। यह बात बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने कही है। उन्होंने संविधान में महत्वपूर्ण संशोधन की भी मांग की है। हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, अटॉर्नी जनरल ने ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द को हटाने का सुझाव दिया है। उन्होंने 15वें संशोधन की वैधता पर कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान जस्टिस फराह महबूब और जस्टिस देबाशीष रॉय चौधरी के सामने ये सभी दलीलें पेश कीं। उन्होंने 15वें संशोधन को रद्द करने की भी मांग की है।
अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने इस बात की दलील दी है कि, बांग्लादेश की 90 फीसदी आबादी मुस्लिम है। इसी वजह से संविधान से धर्मनिरपेक्ष शब्द को हटा देना चाहिए। असदुज्जमां ने कहा, “पहले हमेशा अल्लाह पर आस्था और विश्वास था। मैं चाहता हूं कि यह वैसा ही रहे। अनुच्छेद 2ए में कहा गया है कि राज्य सभी धर्मों के पालन में समान अधिकार और समानता सुनिश्चित करेगा। वहीं अनुच्छेद 9 में ‘बंगाली राष्ट्रवाद’ की बात की गई है, यह विरोधाभासी है।”
अटॉर्नी जनरल ने तर्क दिया कि संवैधानिक संशोधनों में लोकतंत्र को प्रतिबिंबित करना चाहिए और सत्ता के दुरुपयोग को बढ़ावा देने से बचना चाहिए। उन्होंने अनुच्छेद 7ए और 7बी पर भी आपत्ति जताई, जो किसी भी ऐसे संशोधन या बदलाव पर रोक लगाते हैं जो “लोकतंत्र को खत्म कर सकता है।” उनका कहना है कि ऐसे कानूनों को बदला जाना चाहिए क्योंकि वे राजनीतिक शक्ति को मजबूत करके लोकतंत्र को कमजोर करते हैं।
हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, भारत के पड़ोसी देशों में बांग्लादेश, पाकिस्तान जैसे देश है। जहां की अधिकतर आबादी मुस्लिमों की है। पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर इस्लामिक देश है और अब बांग्लादेश इस्लामिक देश बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से बांग्लादेश में धार्मिक कट्टरता बढ़ गई है। बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल मोहम्मद असदुज्जमां ने जो बयान दिया है वो धार्मिक कट्टरता को दर्शाता है।
धर्म के खिलाफ थे भारत के प्रधानमंत्री, जानिए फिर क्यों कराया इतने लाख महामृत्युंजय मंत्र जाप?
बांग्लादेश और पाकिस्तान जैसे देशों से घिरे होने की वजह से भारत को काफी खतरा है। हम आपको बता दें कि, पाकिस्तान पहले से ही भारत को आतंकवादियों के माध्यम से नुकसान पहुंचाता आया है। अब बांग्लादेश में भी धार्मिक कट्टरता बढ़ रही है, जिसकी वजह से अब आतंकियों के बांग्लादेश की सीमा के रास्ते से भारत में घुसने की आशंका बढ़ गई है। पहले से ही बांग्लादेशी घुसपैठी भारत में प्रवेश करते आये हैं। अब इस बात की आशंका और अधिक बढ़ जाएगी। भारत और बांग्लादेश की सीमा सुरक्षा मामलों से भी काफी सेंसिटिव है।
पैरामेडिकल टेक्नीशियन एसोसिएशन का धरना, सरकार से भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.