India News (इंडिया न्यूज), Azerbaijan: अजरबैजान और आर्मेनिया के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। आर्मेनिया से तनाव के बीच अजरबैजान ने अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने का फैसला किया है। इसी कड़ी में अजरबैजान कई लड़ाकू विमान खरीद रहा है, ताकि उसकी रक्षा क्षमता का विस्तार हो और वह किसी भी स्थिति से निपटने में सक्षम हो जाए। वहीं अजरबैजान अब पाकिस्तान से JF-17 C ब्लॉक-3 थंडर लड़ाकू विमान खरीदेगा। इस संबंध में अजरबैजान की वायुसेना ने पाकिस्तान के साथ डील भी कर ली है और अगले साल तक ये लड़ाकू विमान उसके बेड़े में शामिल हो जाएंगे। पाकिस्तान से 24 JF-17 C ब्लॉक-3 थंडर लड़ाकू विमानों की पहली डिलीवरी साल 2025 तक मिलने की उम्मीद है। इन लड़ाकू विमानों का पूरा ऑर्डर साल 2027 तक मिलने की उम्मीद है।
तुर्की देगा घातक मिसाइलें
बता दें कि, अजरबैजान जहां पाकिस्तान से लड़ाकू विमान खरीद रहा है, वहीं इन विमानों के लिए तुर्की से दो शक्तिशाली मिसाइलें खरीदी जाएंगी। अजरबैजान को तुर्की से हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल मर्लिन आईआर और विजुअल रेंज से परे हवा से हवा में मार करने वाली पेरेग्रीन मिसाइलें मिलेंगी। जिसकी जानकारी तुर्की की सेंचुरी मैगजीन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके दी है। तुर्की से मिलने वाली मिसाइलों को जेएफ-17सी ब्लॉक-3 थंडर लड़ाकू विमानों पर तैनात किया जाएगा। लड़ाकू विमान तुर्की के उन्नत एवियोनिक्स से भी लैस होंगे। तुर्की की मिसाइलों से जाहिर तौर पर अजरबैजान की हवाई क्षमता में इजाफा होने वाला है।
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भारत के इस दोस्त पर मंडरा रहा खतरा
दरअसलम भारत और आर्मेनिया की दोस्ती किसी से छिपी नहीं है। पाकिस्तान से मिले विमानों और तुर्की से मिली मिसाइलों ने भारत के दोस्त आर्मेनिया पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। हवाई क्षमता में बढ़ोतरी से अजरबैजान, आर्मेनिया का डटकर सामना कर सकेगा। माना जा रहा है कि अब आर्मेनिया अपने रक्षा क्षेत्रों को और मजबूत करने पर भी ध्यान केंद्रित कर सकता है।
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