India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Army Chief Refused To Help Sheikh Hasina: बांग्लादेश में उग्रवादियों की वजह से वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना (Sheikh Hasina) को देश छोड़ने पर मजबूर होने पड़ा। आर्मी चीफ वकार-उज-जमान (Waqar Uz Zaman) ने तुंरत एक्टिव होते हुए कहा कि उन्होंने कमान संभाल ली है और हालात कंट्रोल में हैं। हालांकि, माहौल बद से बद्तर हो गए। मंगलवार को उग्रवादियों ने 24 लोगों को जिंदा जला दिया। वहीं, अब एक बार फिर से आर्मी चीफ अपने एक बयान को लेकर जबरदस्त चर्चा में आ गए हैं, जो उन्होंने प्रोटेस्टर्स को लेकर दिया था।

दरअसल, शेख हसीना ने अपना देश छोड़ने से पहले बहुत हाथ पैर मारे थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक हाल ही में बांग्लादेशी सेना के दो अधिकारियों ने खुलासा किया है कि भागने से एक रात पहले हसीना ने जनरलों के साथ बैठक की थी, इस मीटिंग में सेना ने फैसला सुनाया था कि कर्फ्यू में नागरिकों पर गोलियां नहीं चलाई जाएंगी। आर्मी चीफ वकार-उज-जमान के पास जब हसीना की तरफ का साथ देने से मना कर दिया था और कहा था कि ‘सैनिक कर्फ्यू को लागू करने में असमर्थ होंगे’।

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सेना प्रवक्ता चौधरी ने रॉयटर्स को बताया कि आर्मी चीफ ने उनसे कहा था कि ‘लोगों की जान की रक्षा करना जरूरी है’। उन्होंने संकेत दे दिया था कि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल का प्रयोग नहीं किया जाएगा। इसकी वजह से शेख हसीना परेशान हो गईं और जब उन्होंने सोमवार सुबह पीएम आवास के बाहर कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए भयंकर भीड़ देखी तो उन्हें उस वक्त वहां से निकल जाना ही ठीक लगा और वो आखिरकार आनन फानन में देश छोड़कर चली गईं। हसीना के निकलते ही प्रदर्शनकारी पीपल्स पैलेस में घुस गए और वहां जो हुआ वो देखकर पूरी दुनिया का सिर शर्म से झुक गया।

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