India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Crisis: बांग्लादेश में 5 अगस्त को हुए तख्तापलट की आग अभी भी बुझती हुई नजर नहीं आ रही है। उस समय बड़े पैमाने पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़कर भागना पड़ा था। जिसके बाद उन्होंने भारत में शरण लिया था। वहीं अब करीब तीन महीने बाद, आवामी लीग ने रविवार (10 नवंबर) को ढाका में विरोध रैली का आह्वान किया है। हालांकि, मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आवामी लीग को विरोध प्रदर्शन करने के खिलाफ सख्त चेतावनी जारी की है।

आवामी लीग को नहीं मिली अनुमति

यूनुस के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने शनिवार को एक बयान में कहा कि अपने मौजूदा स्वरूप में आवामी लीग एक फासीवादी पार्टी है। इस फासीवादी पार्टी को बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।आलम ने आगे कहा कि जो लोग रैलियां, सभाएं या जुलूस निकालने की कोशिश करेंगे, उन्हें कानून लागू करने वाली एजेंसियों की पूरी ताकत का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार देश में किसी भी तरह की हिंसा या कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं करेगी।

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पिछले महीने छात्र विंग पर लगाया था बैन

बता दें कि, बांग्लादेश में मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार द्वारा पिछले महीने अवामी लीग की छात्र शाखा, छात्र लीग पर प्रतिबंध लगाया गया था। वहीं पार्टी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि हमारा विरोध देश के लोगों के अधिकारों को छीनने, कट्टरपंथी ताकतों के उदय और आम लोगों के जीवन को बाधित करने की साजिश के खिलाफ है। हम आप सभी से अवामी लीग के नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इस मौजूदा शासन के कुशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने का आग्रह करते हैं।

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