India News(इंडिया न्यूज),Bangladesh Elections: बांग्लादेश में आज होने वाले चुनाव को लेकर बांग्लादेश की सियासत में जबरदस्त गर्माहट है। वहीं प्रधान मंत्री शेख हसीना को मुख्य विपक्षी बीएनपी की अनुपस्थिति में लगातार चौथी बार जीत हासिल करने की उम्मीद है, जो हिंसा के बीच चुनावों का बहिष्कार कर रही है और इसके खिलाफ 48 घंटे की देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है। इसके साथ ही जानकारी के लिए बता दें कि, बीएनपी ने शनिवार से 48 घंटे की राष्ट्रव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया है। जो 27 राजनीतिक दल चुनाव लड़ रहे हैं उनमें विपक्षी जातीय पार्टी (JAPA) भी शामिल है। बाकी सत्तारूढ़ अवामी लीग के नेतृत्व वाले गठबंधन के सदस्य हैं, जिन्हें विशेषज्ञ “सैटेलाइट पार्टियां” कहते हैं।
जानें कैसी है तैयारी
देश के चुनाव आयोग के अनुसार, कुल 119.6 मिलियन पंजीकृत मतदाता 42,000 से अधिक मतदान केंद्रों पर रविवार के मतदान में मतदान करने के पात्र हैं। चुनाव में 27 राजनीतिक दलों के 1,500 से अधिक उम्मीदवारों के अलावा 436 स्वतंत्र उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। भारत के तीन सहित 100 से अधिक विदेशी पर्यवेक्षक 12वें आम चुनाव की निगरानी करेंगे, जो कड़ी सुरक्षा के बीच हो रहा है। चुनाव आयोग ने कहा कि उसे उम्मीद है कि नतीजे 8 जनवरी की सुबह से आना शुरू हो जाएंगे।
चौथी बार जीत सकती है पीएम हसीना
प्रधानमंत्री हसीना की सत्तारूढ़ अवामी लीग के लगातार चौथी बार जीतने की उम्मीद है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया (78) की मुख्य विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने चुनाव का बहिष्कार किया है, जो भ्रष्टाचार के आरोप में घर में नजरबंद हैं। 76 वर्षीय हसीना ने इस सप्ताह राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित एक संबोधन में लोकतंत्र समर्थक और कानून का पालन करने वाले दलों से देश की संवैधानिक प्रक्रिया को “बाधित” करने वाले विचारों को बढ़ावा नहीं देने का आग्रह किया है।
विपक्ष का बहिष्कार
अपने वोट बहिष्कार अभियान के तहत, बीएनपी ने गुरुवार को 6 जनवरी को सुबह 6 बजे से 8 जनवरी को सुबह 6 बजे तक 48 घंटे की देशव्यापी आम हड़ताल का आह्वान किया क्योंकि पार्टी दावा कर रही है कि मौजूदा सरकार के तहत कोई भी चुनाव निष्पक्ष और विश्वसनीय नहीं होगा। बीएनपी के प्रवक्ता रुहुल कबीर रिज़वी ने हड़ताल की घोषणा करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य “अवैध सरकार के इस्तीफे, एक गैर-पार्टी तटस्थ सरकार की स्थापना और सभी पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल से रिहा करने” की उनकी मांगों पर दबाव डालना था। जानकारी के लिए बता दें कि, चुनावों से पहले, हसीना की सरकार ने हजारों प्रतिद्वंद्वी राजनेताओं और समर्थकों को गिरफ्तार कर लिया, एक ऐसा कदम जिसकी अधिकार समूहों ने एक प्रयास के रूप में निंदा की है
ये भी पढ़े
- Delhi fire : मोदी मिल फ्लाईओवर के पास लगी भीषण आग, मथुरा रोड पर यातायात प्रभावित
- Aditya-L1: ISRO ने रचा एक और इतिहास, आदित्य-एल1 ने किया सूर्य की अंतिम कक्षा में प्रवेश, पीएम मोदी ने दी बधाई
- Rajasthan News: कांग्रेस ने Harish Chaudhary को दी साउथ राज्यों में बड़ी जिम्मेदारी, कुछ दिन पहले इस पद से…