India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Violence: बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को देश में अंतर्राष्ट्रीय कृष्ण चेतना समाज (इस्कॉन) की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका की सुनवाई के दौरान अटॉर्नी जनरल के कार्यालय ने कहा कि सरकारी अधिकारियों ने आवश्यक कदम उठाए हैं। बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान आगे कहा कि सरकार इस मामले को देखेगी। बांग्लादेश के अटॉर्नी जनरल ने कहा कि इस्कॉन से जुड़ा मुद्दा बांग्लादेश के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता का है।
बांग्लादेश सरकार ने कही ये बात
बांग्लादेश सरकार ने कहा है कि चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद सरकार ने कानून-व्यवस्था बिगाड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। सरकार (अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल) ने अदालत को आश्वासन दिया कि इस्कॉन का मुद्दा सर्वोच्च प्राथमिकता का है। इस मामले में जानकारी देते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि, इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने का यह ‘सही समय’ है। हाईकोर्ट ने कहा कि देखते हैं सरकार क्या फैसला लेती है। बांग्लादेश उच्च न्यायालय ने इस्कॉन पर प्रतिबंध से जुड़ा कोई फैसला नहीं लिया, हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार इस मामले को जरूर देखेगी।
हाईकोर्ट ने दी बड़ी राहत
जानकारी के अनुसार, यह घटना बांग्लादेश उच्च न्यायालय को इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करने वाली याचिका मिलने के एक दिन बाद हुई, क्योंकि हिंदू भिक्षु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु पर देशद्रोह का आरोप लगने के बाद हिंदू समुदाय पर हमले बढ़ गए हैं। याचिका में किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए बांग्लादेश के चटगांव और रंगपुर शहरों में आपातकाल लगाने के निर्देश देने की भी मांग की गई थी। सुनवाई समाप्त होने पर अतिरिक्त अटॉर्नी जनरल के प्रेस को संबोधित करने की भी उम्मीद थी। अदालत ने इस मुद्दे पर सरकार से पहल करने की मांग की।