India News (इंडिया न्यूज़), Hindus in Bangladesh: मंगलवार (10 सितंबर) को बांग्लादेश के गृह मंत्रालय ने एक ऐसा फरमान जारी किया जिससे तहलका मच गया। उनका ये फरमान लग रहा था जैसे कि वो पाकिस्तान की बोली बोल रहे हैं। दुर्गा पूजा समारोह से पहले हिंदू समुदाय के लिए एक आदेश जारी किया, जिसमें पूजा समितियों को अज़ान और नमाज़ से पाँच मिनट पहले दुर्गा पूजा अनुष्ठान और साउंड सिस्टम बंद करने का निर्देश दिया गया। इस आदेश से लोगों में आक्रोश फैल गया है और लोग इसे हिंदू समुदाय के लिए अंतरिम बांग्लादेशी सरकार का तालिबानी आदेश बता रहे हैं।
बांग्लादेशी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, गृह मामलों के सलाहकार लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) मोहम्मद जहांगीर आलम चौधरी ने मंगलवार को सचिवालय में बांग्लादेश पूजा उडजापान परिषद के नेताओं से मुलाकात की। बांग्लादेशी अंतरिम सरकार में सलाहकार का पद मंत्री के बराबर होता है। बैठक के बाद गृह मामलों के सलाहकार ने दुर्गा पूजा से पहले ‘कानून और व्यवस्था’ के मुद्दे पर एक संक्षिप्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। दुर्गा पूजा बांग्लादेश में हिंदू समुदाय का सबसे बड़ा धार्मिक त्योहार है। बांग्लादेशी हिंदू 9 अक्टूबर से 13 अक्टूबर तक दुर्गा पूजा मनाएंगे। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गृह मामलों के सलाहकार आलम चौधरी ने कहा कि पूजा समितियों को अज़ान और नमाज़ से पांच मिनट पहले और उसके दौरान संगीत वाद्ययंत्र और साउंड सिस्टम बंद रखने के लिए कहा गया है।
चौधरी ने दावा किया कि हिंदू समुदाय के लोगों की आवाजाही के कारण दुर्गा पूजा के दौरान कानून-व्यवस्था बनाए रखने में समस्या आती है। उन्होंने कहा, “बहुत से बांग्लादेशी लोग पूजा मनाने के लिए भारतीय क्षेत्र में आते हैं, जबकि भारतीय लोग इस अवसर पर हमारे क्षेत्र में आते थे।” दुर्गा पूजा समारोहों के लिए बंगाली हिंदुओं की सीमा पार आवाजाही को रोकते हुए उन्होंने कहा, “मैंने सभी से इस बार सीमावर्ती क्षेत्रों में अच्छे पूजा मंडप बनाने का अनुरोध किया है, ताकि हमारे लोगों को पूजा देखने के लिए दूसरी तरफ न जाना पड़े और दूसरी तरफ के लोगों को यहां न आना पड़े।” हालांकि, चौधरी ने दावा किया कि मूर्तियों के निर्माण के समय से ही हिंदू समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा, “हमने इस बात पर चर्चा की है कि पूजा मंडपों में चौबीसों घंटे सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए।” गृह मंत्री ने बताया कि इस साल देश भर में कुल 32,666 पूजा मंडप बनाए जाएंगे। ढाका साउथ सिटी और नॉर्थ सिटी कॉरपोरेशन में क्रमशः 157 और 88 मंडप बनाए जाएंगे। गौरतलब है कि पिछले साल 33,431 पूजा मंडप बनाए गए थे।
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उन्होंने कहा कि पूजा को बिना किसी बाधा के मनाने और शरारती तत्वों की गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि पूजा पंडालों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्वयंसेवकों की भर्ती की जाएगी। हालांकि, ये स्वयंसेवक केवल हिंदू समुदाय से नहीं होंगे, उन्होंने कहा कि किसी भी बांग्लादेशी नागरिक को स्वयंसेवक के रूप में भर्ती किया जाएगा। उन्होंने कहा, “इस साल स्वयंसेवकों की भर्ती अलग होगी। स्वयंसेवकों की भर्ती बांग्लादेश के किसी भी नागरिक से की जाएगी। स्वयंसेवकों को अपने कर्तव्यों का पालन करने के लिए समय दिया जाएगा। स्वयंसेवकों की संख्या दिन में कम से कम दो और रात में तीन होनी चाहिए।” प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद अन्य लोगों में धार्मिक मामलों के सलाहकार एएफएम खालिद हुसैन, कानून प्रवर्तन एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारी, बांग्लादेश पूजा उत्सव परिषद के अध्यक्ष बासुदेव धर और महासचिव संतोस शर्मा शामिल थे।
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