India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh Rejected India Statement: बांग्लादेश में 5 अगस्त को शेख हसीना सरकार का कट्टरपंथियों के द्वारा तख्तापलट कर दिया गया था। जिसके बाद मुहम्मद युनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन किया गया। हालांकि इस दौरान पड़ोसी मुल्क में अल्पसंख्यक हिंदुओं के ऊपर इस्लामिक कट्टरपंथियों ने कहर बरपाया, और अभी भी बरपा रहे हैं। इस बीच दुर्गा पूजा के दौरान कई अप्रिय घटनाएं देखने को मिली। जिसको लेकर भारत सरकार ने आवाज उठाई थी।

वहीं बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के आरोपों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अंतरिम सरकार की तरफ से कहा गया कि भारत की ओर से बांग्लादेश में हिंदुओं और मंदिरों की सुरक्षा को लेकर जो बयान दिया गया, वह बिल्कुल निराधार और अनावश्यक है। उन्होंने आगे कहा कि देश में ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिन पर सरकारी अफसर ने त्योहारों के समय हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में तत्पर कार्रवाई की है।

भारत ने लगाया था आरोप

बता दें कि, भारतीय विदेश मंत्रालय ने 12 अक्टूबर के बयान में बांग्लादेश सरकार से हिंदुओं और सभी अल्पसंख्यकों और उनके पूजा स्थलों पर सुरक्षा (खासतौर पर नवरात्रि के समय) सुनिश्चित करने की बात कही थी।

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इस दौरान विदेश मंत्रालय ने यह भी आरोप लगाया था कि बांग्लादेश में मंदिरों और देवी-देवताओं को नुकसान पहुंचाने और अपवित्र करने का एक पैटर्न है। इसके जवाब में अंतरिम सरकार ने कहा है कि ये आरोप बिल्कुल निराधार है और वह दावों को पूरी तरह से अनुचित मानती है।

युनुस सरकार ने आरोप को नकारा

बांग्लादेशी विदेश मंत्रालय ने कहा कि देश में कुछ ही ऐसी घटनाएं थीं जिन पर सरकारी अफसर ने त्योहार के समय हिंदुओं और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए त्वरित कार्रवाई की। सरकार ने बयान में यह भी कहा कि सांप्रदायिक सद्भाव और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व बांग्लादेश में उदारवाद और लोकतंत्र पुरानी खासियत है। जो देश में सभी लोगों को एक करती है। देश में 32 हजार पूजा मंडपों में शांतिपूर्ण तरीके से आयोजित हो रही दुर्गा पूजा इस बात का सबूत है।

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