India News (इंडिया न्यूज), Bangladesh: बांग्लादेश में जब से पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार गिरी है, तब से वहां हालात ठीक नहीं चल रहे हैं। हाल ही में बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कार्यवाहक सरकार के इस कदम ने भारत की टेंशन बढ़ा दी है। दरअसल शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता प्रो. मोहम्मद यूनुस इस समय वहां की कार्यवाहक सरकार का नेतृत्व कर रहे हैं, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।

मोहम्मद यूनुस ने कौन से दो बड़े फैसले लिए?

बता दें कि, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में कट्टरपंथी संगठनों पर लगे प्रतिबंध एक के बाद एक हटाए जा रहे हैं। हाल ही में उनके द्वारा दो ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिनका डर भारत को पहले से ही था। पड़ोसी देश के ये हालात लगातार भारत के लिए चिंता का नया अध्याय लिख रहे हैं। हाल ही में बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार ने अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (ABT) के प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी को रिहा कर दिया।

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रहमानी की रिहाई से भारत की बढ़ी टेंशन

रहमानी की रिहाई भारत के लिए चिंता का विषय है, क्योंकि रहमानी स्लीपर सेल की मदद से भारत में जिहादी गतिविधियों को फैलाता रहा है। इतना ही नहीं बांग्लादेश ने देश की सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी पर कई सालों तक प्रतिबंध लगा रखा था, जिसे मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में हटा लिया गया है। बताया जाता है कि एबीटी के संबंध खूंखार आतंकी संगठन अलकायदा से हैं।

कौन है ABT प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी

एबीटी प्रमुख जशीमुद्दीन रहमानी पर 2013 से 2016 के बीच कई धर्मनिरपेक्ष ब्लॉगरों और पत्रकारों की टारगेट किलिंग में शामिल होने का भी आरोप लगा था, जिसकी जिम्मेदारी एबीटी ने ली थी। इसकी जिम्मेदारी भी एबीटी ने ली थी। यह भी पता चला है कि एबीटी भारत में जिहादी नेटवर्क बनाने की कोशिशें करता रहता है।

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