India News (इंडिया न्यूज), Benjamin Netanyahu on ICC Warrant: इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने गाजा में कथित युद्ध अपराधों और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। जिसके बाद इजरायल के प्रधानमंत्री ने हेग में अदालत पर उसके यहूदी विरोधी फैसले के लिए पलटवार किया। उन्होंने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर साझा किए गए एक वीडियो संदेश में कहा कि हेग में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय का यहूदी विरोधी फैसला एक आधुनिक ड्रेफस मुकदमा है और इसका अंत भी उसी तरह होगा।
नेतन्याहू ने जिस ड्रेफस मुकदमे का जिक्र किया। वह एक राजनीतिक और न्यायिक घोटाला था, जो 1894 और 1906 के बीच फ्रांस में हुआ था, जिसमें अल्फ्रेड ड्रेफस नामक एक यहूदी फ्रांसीसी सेना अधिकारी को जर्मनों को सैन्य रहस्य बेचने के कथित राजद्रोह के मामले में गलत तरीके से दोषी ठहराया गया था। इसके बाद में उन्हें दोषी नहीं पाया गया और उन्हें फ्रांसीसी सेना में बहाल कर दिया गया।
नेतन्याहू ने ICC पर लगाया बड़ा आरोप
बता दें कि, ICC ने नेतन्याहू और पूर्व इजरायली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट पर मानवता के विरुद्ध अपराध करने का आरोप लगाया है। जिसमें हत्या, उत्पीड़न और अमानवीय कृत्य शामिल हैं, साथ ही युद्ध के तरीके के रूप में भुखमरी का युद्ध अपराध भी शामिल है। नेतन्याहू ने हेग स्थित अदालत पर हमला बोलते हुए कहा कि अब हेग में अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में जिसका नेतृत्व भी एक फ्रांसीसी न्यायाधीश कर रहे हैं। इस अपमानजनक अपराध को दोहराया जा रहा है। यह मुझ पर, इजरायल राज्य के लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित प्रधानमंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट पर जानबूझकर नागरिकों को निशाना बनाने का झूठा आरोप लगा रहा है। यह तब है जब हम नागरिक हताहतों से बचने के लिए अपनी पूरी शक्ति से काम करते हैं।
बेंजामिन नेतन्याहू ने आगे कहा कि इजरायली अधिकारी गाजा में नागरिकों को खतरे से बचाने के लिए विभिन्न माध्यमों से निकासी संदेश भेजते हैं, जबकि हमास के आतंकवादी उन्हें खतरे में रखने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं। जिसमें उन्हें गोली मारना और उन्हें मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करना शामिल है।
गंभीर मानवीय संकट पैदा करने के आरोप का किया खंडन
दरअसल, ICC ने यह भी आरोप लगाया कि नेतन्याहू प्रशासन ने गाजा में नागरिकों को भोजन, पानी और चिकित्सा सहायता जैसी आवश्यक आपूर्ति को प्रतिबंधित कर दिया, जिससे गंभीर मानवीय संकट पैदा हो गया और बच्चों सहित कई लोगों की मृत्यु हो गई। इस आरोप पर नेतन्याहू ने कहा कि जबकि इज़रायल ने गाजा के नागरिकों को 700,000 टन भोजन परोसा है, ICC उन पर जानबूझकर लोगों को भूखा रखने का झूठा आरोप लगा रहा है। यह दावा करते हुए कि ये आपूर्ति हमास आतंकवादियों द्वारा उनके लोगों को भोजन से वंचित करने के लिए लूटी जाती है।
पीएम नेतन्याहू ने आगे कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में, इज़राइल ने गाजा के 97 प्रतिशत लोगों को पोलियो के खिलाफ टीका लगाने में मदद की। यह अदालत को हम पर नरसंहार का आरोप लगाने से नहीं रोकता है। उन्होंने यह भी कहा कि गाजा में इजरायल का युद्ध ठीक उसी समय हुआ था। जब हमास ने 7 अक्टूबर, 2023 को यहूदी राष्ट्र पर बिना उकसावे के हमला किया था।
वैश्विक अदालत के याधीशों की आलोचना की
इजरायली प्रधानमंत्री ने ICC के न्यायाधीशों की आलोचना की। उन्होंने कहा कि न ही अदालत ने हमास के आतंकवादियों के खिलाफ कुछ किया, जिन्होंने हमारी महिलाओं के साथ बलात्कार किया, हमारे पुरुषों का सिर कलम किया, बच्चों को उनके माता-पिता के सामने जिंदा जला दिया और सैकड़ों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को गाजा की भूमिगत काल कोठरी में अगवा कर लिया।
इस दौरान नेतन्याहू ने कड़ी चेतावनी भी दी और कहा कि ICC और उसके फैसले का समर्थन करने वालों को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उन्होंने हमास, हिजबुल्लाह और हौथिस के माध्यम से इजरायल के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने के लिए ईरान को भी आड़े हाथों लिया। वहीं अपने वीडियो के अंत में नेतन्याहू ने निष्कर्ष निकाला कि हमारे दुश्मन आपके दुश्मन हैं। हमारी जीत आपकी जीत होगी। बर्बरता और अत्याचार पर सभ्यता की जीत।