India News (इंडिया न्यूज), Brics Summit 2024 Manifesto : रूस में इस बार आयोजित किए गए ब्रिक्स सम्मेलन में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इसके अलावा विश्व की तीन बड़ी शक्तियां जब एक मंच पर एक साथ हो तो सारी दुनिया कि नजरें वहीं पर रहती हैं। ब्रिक्स सम्मेलन में इस बार ऐसे फैसले लिए गए हैं, जिसकी वजह से अमेरिका का मिजाज बदल सकता है। असल में भारत, रूस और चीन ने आपसी कारोबार के लिए डॉलर के बजाय स्थानीय मुद्रा में लेनदेन करने की बात कही है। आमतौर पर ग्लोबल बाजार में ज्यादातर ट्रांजेक्शन डॉलर में ही होता है। इसके बाद अब भारत डॉलर के बजाय रुपये में लेनदेन कर सकेगा। इससे डॉलर पर निर्भरता कम होगी। वैसे इस बार के ब्रिक्स सम्मेलन पूरब बनाम पश्चिम मुद्दे को लेकर काफी हवा दी गई है।
बैंकिंग नेटवर्क को बनाएंगे मजबूत
शिखर सम्मेलन में समूह के भीतर ‘कॉरेसपॉन्डेंट बैंकिंग नेटवर्क’ को मजबूत करने और ब्रिक्स सीमापार भुगतान पहल (बीसीबीपीआई) के अनुरूप स्थानीय मुद्राओं में निपटान को सक्षम बनाने की बात कही, जो स्वैच्छिक और गैर-बाध्यकारी है। ब्रिक्स में पहले ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल थे। अब पांच अतिरिक्त सदस्यों मिस्र, इथियोपिया, ईरान, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को भी इसमें शामिल किया गया है।
इसके अलावा इस बात पर भी फैसला लिया गया है कि ब्रिक्स देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर को स्थानीय मुद्राओं, भुगतान उत्पादों और मंचों के मुद्दे पर चर्चा जारी रखने का काम सौंपा है। वहीं 2022-2026 के लिए एनडीबी की सामान्य रणनीति को पूरा करने के लिए कॉरपोरेट संचालन और परिचालन को प्रभावी बनाने को लेकर सुधार का समर्थन किया।
मोदी, पुतिन और शी चिनपिंग एक मंच पर
इस बार ब्रिक्स सम्मेलन में विश्व की 3 बड़ी शक्तियां एक साथ नजर आई है। पीएम नरेन्द्र मोदी, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग एक साथ नजर आएं। पश्चिमी देशों की नजर भी इन्हीं पर है। ब्रिक्स ने कहा, हम व्यापार बाधाओं को कम करने और गैर-भेदभावपूर्ण पहुंच के सिद्धांत पर तैयार तेज, कम लागत वाले, कुशल, पारदर्शी, सुरक्षित और समावेशी सीमापार भुगतान उत्पादों के व्यापक लाभ को समझते हैं। हम ब्रिक्स देशों और उनके व्यापारिक भागीदारों के बीच वित्तीय लेनदेन में स्थानीय मुद्राओं के उपयोग का स्वागत करते हैं।