India News (इंडिया न्यूज), Pakistan BRICS Membership: ब्रिक्स में शामिल होने की उम्मीद लगाए बैठे पाकिस्तान को बड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान ने पिछले साल ब्रिक्स की सदस्यता के लिए औपचारिक रूप से आवेदन किया था। माना जा रहा है कि चीन ने इस्लामाबाद को भरोसा दिलाया था। लेकिन बुधवार को चीनी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के साथ ही पाकिस्तान की सदस्यता की उम्मीदों पर पानी फिर गया। ब्रिक्स में नए साझेदार देशों को शामिल किया गया है, लेकिन पाकिस्तान का नाम इसमें नहीं है। साझेदार देशों में तुर्की को शामिल किया गया है। मोदी से जिनपिंग की मुलाकात को पाकिस्तानी अपने लिए विश्वासघात के तौर पर देख रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि भारत ब्रिक्स में और अधिक ‘साझेदार देशों’ का स्वागत करने के लिए तैयार है, लेकिन इस संबंध में निर्णय सर्वसम्मति से लिए जाने चाहिए। 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के बंद सत्र में मोदी ने परोक्ष रूप से 9 सदस्यीय समूह में पाकिस्तान के प्रवेश के लिए रूस और चीन के मौन समर्थन का उल्लेख किया और कहा कि ब्रिक्स के संस्थापक सदस्यों के विचारों का सम्मान किया जाना चाहिए। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत के बिना ब्रिक्स में पाकिस्तान का प्रवेश संभव नहीं है। रूस और चीन के अलावा ब्रिक्स के दो अन्य संस्थापक देश भारत और ब्राजील हैं।
ब्राजील, रूस, भारत और चीन द्वारा स्थापित इस समूह ने 2011 में दक्षिण अफ्रीका का स्वागत किया था। अब चार नए सदस्यों के जुड़ने से इसका और विस्तार हो गया है। श्रीलंका, पाकिस्तान, तुर्की और कोलंबिया सहित 30 से अधिक देशों ने संगठन में शामिल होने में रुचि दिखाई है। रूस और चीन पाकिस्तान का समर्थन करते रहे हैं। सितंबर में रूसी उप प्रधानमंत्री एलेक्सी ओवरचुक ने सार्वजनिक रूप से पाकिस्तान की दावेदारी का समर्थन किया था।
ब्रिक्स में पाकिस्तान की दावेदारी में भारत सबसे बड़ी बाधा है। भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध ऐतिहासिक रूप से तनावपूर्ण रहे हैं। फिलहाल दोनों देशों के बीच उच्चायुक्त स्तर पर कोई राजनयिक प्रतिनिधित्व नहीं है। भारत ने पाकिस्तान को साफ कर दिया है कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। पीएम मोदी ने ब्रिक्स बैठक में भी यही रुख दोहराया और सदस्य देशों से कहा कि आतंकवाद के मुद्दे पर ‘दोहरे मापदंड के लिए कोई जगह नहीं है।’
प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें अपने देशों में युवाओं के कट्टरपंथीकरण को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने की जरूरत है।” यहां यह ध्यान देने योग्य है कि चीन ने पिछले साल पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र के प्रयास को अवरुद्ध कर दिया था। मीर 26/11 मुंबई आतंकी हमलों में वांछित था।
पाकिस्तान को उम्मीद थी कि भारत के विरोध के बावजूद रूस और चीन का समर्थन उसके लिए राह आसान कर देगा। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया कि भारत ने पाकिस्तान की ब्रिक्स सदस्यता का समर्थन करने का फैसला किया है, लेकिन बुधवार को जब पीएम मोदी और जिनपिंग अपने बीच जमी बर्फ को पिघलाने के लिए साथ बैठे तो पाकिस्तान की उम्मीदें भी धूमिल हो गईं। पाकिस्तानी पत्रकार बाकिर सज्जाद ने एक्स पर लिखा, ‘झूठे वादों और क्षणिक आशावाद ने पाकिस्तान को खाली हाथ छोड़ दिया।’ इसे भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का गंभीर सबक बताया।
ब्रिक्स ने नए शामिल देशों की सूची जारी की है। ये हैं
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