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Canada: कनाडा ही क्यों जाते हैं भारतीय छात्र? करीब 4 गुना तक होती है भारतीय छात्रों की फीस

Himanshu Pandey • LAST UPDATED : September 26, 2023, 4:47 am IST

India news (इंडिया न्यूज), Canada: कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की तरफ से खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या मामले में भारत सरकार का हाथ होने के संबंधी संगीन आरोपों के बाद दोनों देशों की सरकारों के बीच विवाद बढ़ गया है। भारत सरकार ने ट्रूडो के द्वारा लगाये गये आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। सियासी गतिरोध के बीच भारत और कनाडा (Canada) ने एक-दूसरे के सीनियर डेप्लोमेट्स को देश से निकाल दिया है। इतना ही नही भारत ने कनाडा से आने वाले लोगों के लिए फिलहाल वीजा पर भी रोक लगा रखी है। भारत की एक बड़ी संख्या के लोग कनाडा जाकर बसते हैं। यह बड़ी संख्या छात्रों की होती है।इसी बीच मौजूदा सियासी के बीच कनाडा गए भारतीय छात्रों को लेकर कई सवाल किये गया हैं। चलिए जानते है आखिर भारतीय छात्र कनाडा में जाकर क्यों पढ़ते हैं।

भारतीय छात्र कनाडा में जाकर क्यों पढ़ते हैं ?

बता दें कि, भारतीय छात्रों की जब विदेश में पढ़ाई की बात सामने आती है तो बहुत-से छात्र कनाडा (Canada) जाना पसंद करते हैं। क्योंकि यहां की क्वालिटी एजुकेशन और डिग्री का काफी महत्व है, जिसके कारण ये इंडियन स्टूडेंट्स का फेवरेट एजुकेशन डेस्टिनेशन भी बना हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि कनाडा में डिग्री लेने के बाद यहीं नौकरी मिलने के बहुत उम्मीद ज्यादा रहती है, इसलिए भी ये स्टूडेंट्स की फेवरेट जगह कनाडा बना हुआ है। कनाडा में बाकी देशों जैसे यूएस, ऑस्ट्रेलिया, यूके वगैरह की तुलना में सस्ती डिग्री मिल जाती है।

कनाडा की अर्थव्यवस्था में फीस का काफी योगदान

साथ ही भारतीय छात्रों से कनाडा के स्थानीय छात्रों की तुलना में करीब 4 गुना तक की फीस ली जाती है। कनाडा की अर्थव्यवस्था में ये करीब 70,000 करोड़ का योगदान देता है। लेकिन ये शिकायत आम है कि है भारतीय छात्रों को वहां वो सब सुविधाएं नहीं मिलती हैं, जो कनाडा के छात्रों को मिलती हैं।

कनाडा में रहने में का होता है दिक्कत

मामले को लेकर कनाडा में पढ़ने आईं और एक डॉक्युमेंट्री का हिस्सा रहीं छात्रा कहती हैं कि, “मुझे एक घर मिला, जहां में 4 महीने तक रही थी। साथ ही यहां और भी लोग रहते थे। साथ में रहने में दिक्कत होती थी। जैसे साफ-सफाई में परेशानी, कोई सफाई करने में पसंद था, किसी को नहीं। इससे कनाडा के लैंडलॉर्ड (मकान मालिक) हमसे परेशान हो जाते थे। इसके अलावा कल्चरल डिपरेंसेस भी हैं, जिसे आप इग्नोर नहीं कर सकते है। आखिरकार 4 महीने बाद मुझे ये घर बदलना ही पड़ा, घर बदलने का एक अलग ही स्ट्रेस होता है। मुझे ऑनलाइन ये सब समझ नहीं आया।”

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