विदेश

Chandrayan-3: पूरे विश्व में बजा चंद्रयान-3 का डंका, जानिए किसने क्या-क्या कहा?

India News (इंडिया न्यूज़) Chandrayan-3: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मिशन चंद्रयान-3 की बुधवार की शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक लैंडिंग हो गई। इसके साथ ही भारत दुनिया का पहला ऐसा देश बन गया है, जिसने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर अपने अंतरिक्ष यान को उतारा है। इसे 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। इस मिशन की सफलता पर विश्व मीडिया में क्या-क्या कहा आइए जानते हैं-

पूरे विश्व ने कहा भारत माता कि जय

न्यूयॉर्क टाइम्स’ ने शीर्षक लिखा कि “भारत से विक्रम नाम का एक लैंडर और प्रज्ञान नाम का एक रोवर बुधवार को चंद्रमा के दक्षिण ध्रुवीय क्षेत्र में उतरे। चंद्रयान -3 नामक एक मिशन भारत को चंद्रमा की सतह के इस हिस्से तक पहुंचने वाला पहला देश बनाते है। वह चंद्रमा पर उतरने वाला केवल चौथा देश है। भारतीय जनता पहले से ही देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम की उपलब्धियों पर बहुत गर्व करती है, जिसने चंद्रमा और मंगल की परिक्रमा की है और नियमित रूप से अन्य देशों की तुलना में बहुत कम वित्तीय संसाधनों के साथ पृथ्वी के ऊपर उपग्रहों को लॉन्च करती है।

बीबीसी ने क्या कहा

बीबीसी’ ने अपने शीर्षक में लिखा कि चंद्रयान-3 ने रचा इतिहास, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा। इसने लिखा कि जब 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की स्थापना की गई थी, तो इसका प्राथमिक लक्ष्य काफी सरल था। तूफानों की भविष्यवाणी करने, बाढ़ को कम करने और देश में दूरसंचार को मजबूत करने के लिए उपग्रहों को डिजाइन और लॉन्च करना। अब अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने चंद्रयान -3 के चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरने वाला पहला अंतरिक्ष मिशन बनने के बाद इतिहास रच दिया है।

क्या बोला फ्रांस

फ्रांस के प्रमुख समाचार पत्र ‘ले मोंदे’ ने अपना शीर्षक लिखा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बना भारत। रोवर के साथ एक लैंडर स्थानीय समयानुसार छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरा, जिससे दक्षिण भारतीय शहर बेंगलुरु में अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के बीच खुशी और तालियां बजीं। करीब चार साल पहले एक असफल प्रयास के बाद भारत ने दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र के पास उतरने वाला पहला देश बनकर इतिहास रच दिया है और चंद्रमा पर उतरने के मामले में अमेरिका, सोवियत संघ और चीन के साथ शामिल हो गया है।

वॉशिंगटन ने भी कि भारत कि तारीफ

वॉशिंगटन ने अपने शीर्षक में लिखा कि भारत ने चंद्रमा की सतह पर एक अंतरिक्ष यान को धीरे से उतारा। अखबार ने लिखा- भारत ने बुधवार को चंद्रमा पर एक रोबोटिक अंतरिक्ष यान उतारा। यह एक उपलब्धि है जो एक रूसी यान के दुर्घटनाग्रस्त होने के कुछ दिनों बाद आई है। बिना किसी अंतरिक्ष यात्री के भारत का अंतरिक्ष यान सुबह लगभग 8:30 बजे (अमेरिका के स्थानीय समयानुसार)चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास उतरा।

ये भी पढ़ें- Chandrayan- 3: रूस की गलती कैसे बनी भारत कैसे बनी ताकत? कहां पर चुका था रूस

Divya Gautam

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