G20 Arunachal Pradesh Meeting: अरुणाचल प्रदेश की राजधानी – ईटानगर में होने वाले G20 शिखर सम्मेलन के दो दिवसीय कार्यक्रम में चीन शामिल नहीं हुआ। विज्ञान और टेक्नोल़ॉजी पर यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था। कई मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत रिसर्च एंड इनोवेशन इनिशिएटिव द्वारा आयोजित किए जा रहे कार्यक्रम के लिए चीन से कोई आधिकारिक प्रतिनिधित्व ईटानगर नहीं भेजा गया था।

  • कोई आधिकारिक प्रतिनिधित्व नहीं भेजा
  • चीन अरुणाचल पर दावा करता है
  • माओ निंग ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी

यह एक साइड इवेंट था जो दो भागों में आयोजित किया गया था – एक शुक्रवार को डिब्रूगढ़ में और दूसरा शनिवार को ईटानगर में। मुख्य कार्यक्रम मुंबई में पांच दिनों तक आयोजित किया गया था। मीटिंग में शामिल होने पर चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा, ‘‘आप जो कह रहे हैं, मैं उससे अवगत नहीं हूं, मुझे इस संबंध में अपने सहयोगियों से जानकारी एकत्र करनी होगी।’’

50 से अधिक देशों ने भाग लिया

मुख्य G20 शिखर सम्मेलन इस वर्ष भारत की अध्यक्षता में सितंबर में दिल्ली में आयोजित किया जाएगा। उस आयोजन से पहले, भारत भारतीय शहरों में कई थीम विशिष्ट कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। ईटानगर की बैठक में 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसे गोपनीय घोषित किया गया था। ईटानगर मामले पर न तो चीनी अधिकारियों ने और न ही भारत के विदेश मंत्रालय ने कोई टिप्पणी की है। बैठक में भाग लेने वाले कई देशों के प्रतिनिधियों ने अरुणाचल प्रदेश की विधान सभा और ईटानगर में एक बौद्ध मठ का दौरा किया।

अपना हिस्सा बताता है

चीन ने अरुणाचल प्रदेश राज्य को अपने दक्षिण तिब्बत क्षेत्र का हिस्सा बताता रहा है। भारत इस दावे का स्पष्ट रूप से खंडन करता है और भारत ने इस बात को भी कई बार उठाया है कि तिब्बत में चीन की स्थिति ही विवादित है। वर्षों से, चीन ने सीमा के उत्तर में बुनियादी ढांचे के विकास में भारी निवेश किया है। भारत ने भी हाल ही में अपने स्वयं के बुनियादी ढांचे के विकास की गति को बढ़ाया है। जम्मू और कश्मीर में भी भारत एक G20 बैठक की मेजबानी करेगा जिसमें भाग लेने वाले सदस्य देशों के संस्कृति मंत्री शामिल होंगे। यह बैठक ईटानगर से भी बड़ी होगी और इससे पाकिस्तान नाराज हो सकता है।

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