इंडिया न्यूज, बीजिंग (China Bank Crisis): चीन में बैंकिंग संकट बढ़ता जा रहा है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि बैंकों के बाहर चीनी सेना के टैंकों को तैनात किया गया है। साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट में छपी एक खबर के बाद कई बैंकों ने ग्राहकों को अपने अकाउंट एक्सेस करने से रोक दिया। इसके बाद हजारों लोग अपने ही अकाउंट से पैसा नहीं निकाल पा रहे हैं। पिछले 2 महीने से चल रहे इस संकट के कारण लोगों की भीड़ बैंकों के बाहर जमा होने लगी। कई जगह प्रदर्शन हो रहे हैं, वहीं कहीं जगह से हिंसक घटनाओं की भी खबरें आई है। इसी के मद्देनजर चीनी सेना ने मोर्चा संभालना शरू कर दिया है।
शेंडॉन्ग क्षेत्र के रिझाओ की एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हो रही है। इसमें बैंकों के बाहर एक सड़क पर खड़े टैंक दिख रहे हैं। वहीं एक वीडियो हेनान प्रांत का है। यहां कई टैंक लाइन में खड़े दिखाई दे रहे हैं। बताया गया है कि प्रशासन ने लोगों को बैंक के अंदर नहीं जाने देने के लिए टैंक तैनात करने का आदेश दिया है।
यहां के साउथ चाइना मार्निंग पोस्ट में एक खबर छपी थी जिसमें बताया गया कि कैसे चीनी बैंकों में कई घोटले हुए हैं। ऐसा दावा किया गया कि 40 बिलियन युआन, यानी करीब (6 बिलियन अमेरिकी डॉलर) चीन के बैंकिंग सिस्टम से गायब हुए हैं। इस खबर के बाद जहां एक ओर लोग अपने पैसे निकालने के लिए बैंक में जुटने लगे तो वहीं हेनान और अनहुई प्रांत में बैंको ने लोगों को अपने अकाउंट्स एक्सेस करने से ही वंचित कर दिया। उस समय बैंकों ने ‘सिस्टम अपग्रेड’ का हवाला दिया था। लेकिन अब ये सच्चाई धीरे धीरे सामने आती जा रही है। इसी कारण वहां के लोग परेशान हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक चीन के युझोउ शिनमिनशेंग विलेज बैंक, शांगकाई हुइमिन काउंटी बैंक, झेचेंग हुआंगहुई कम्युनिटी बैंक और हेनान प्रांत में कैफेंग के न्यू ओरिएंटल कंट्री बैंक और पड़ोसी अनहुई प्रांत में गुझेन शिन्हुआइहे विलेज बैंक में बैंक प्रभावित हुए हैं। लोग यहां अपने अकाउंट्स से पैसा निकालने के लिए 3 महीनों से चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें बैंक के अंदर भी नहीं जाने दिया जा रहा है।
चीन में टैंकों द्वारा लोगों की आवाज कुचलने का यह पहला मामला नहीं है। इससे पहले 1989 में भी चीनी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर टैंक चढ़ा दिए गए थे। उस समय चीन के मुताबिक 3000 लोगों की मौत हुई थी। वहीं अब फिर से लोगों को रोकने के लिए सड़कों पर तैनात टैंक 4 जून 1989 के भीषण तियानमेन स्क्वायर नरसंहार की याद दिलाता है।
जानकारी के मुताबिक उस समय चीनी नेताओं ने बीजिंग के तियानमेन स्क्वायर को खाली करने के लिए टैंक और भारी हथियारों से लैस सैनिकों को भेजा था, जहां छात्र प्रदर्शनकारी लोकतंत्र और अधिक स्वतंत्रता की मांग के लिए हफ्तों तक एकत्र हुए थे। यूरोपियन मीडिया के मुताबिक उस समय 10 हजार लोगों के नरसंहार की आशंका जताई थी।
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