• तिब्बत, नेपाल और भारत से गुजरेगा हाईवे

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
चीन भारत के खिलाफ लगातार साजिशें करने में जुटा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वह अब वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर नया हाईवे बनाने की तैयारी में है ताकि अपनी रणनीतिक स्थिति को मजबूत कर सके। हांगकांग से प्रकाशित होने वाले ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट’ में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि उसने डोकलाम में गांव बसा लिया है। नई सैटेलाइट तस्वीरों के अनुसार गांव के लगभग हर घर के दरवाजे पर कारें खड़ी हैं। यह गांव उस स्थान से 9 किमी दूर है, जहां वर्ष 2017 में भारतीय व चीनी सेना का आमना-सामना हुआ था।

नया हाईवे राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रस्तावित 345 निर्माण योजनाओं में

एक रिपोर्ट के अनुसार नया हाईवे चीन के राष्ट्रीय कार्यक्रम में प्रस्तावित 345 निर्माण योजनाओं में शामिल है। यह तिब्बत की ल्हुंज काउंटी से शिंजियांग क्षेत्र में काशगर स्थित माझा तक जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य वर्ष 2035 तक कुल 4,61,000 किलोमीटर लंबा हाई व मोटरवे बनाना है। ड्रैगल बुनियादी ढांचे में निवेश कर अपनी अर्थव्यवस्था में भी जन फूंकना चाहता है और इसी मकसद से वह इस तरह के स्ट्रक्चर बनाने में जुटा है।

अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा है ल्हुंज काउंटी

बता दें कि ल्हुंज काउंटी अरुणाचल प्रदेश का हिस्सा है। मीडिया रिपोर्ट में भी यह बात कही गई है। जबकि चीन इस जगह (ल्हुंज काउंटी) को दक्षिण तिब्बत का पार्ट होने का दावा करता है। रिपोर्ट के अनुसार गत सप्ताह जारी की गई योजना के तहत इस हाईवे को जी-695 नाम से जाने जा रहा है और इसके कोना काउंटी से होकर गुजरने का अंदेशा है। यह इलाका एलएसी के ठीक उत्तरी क्षेत्र में पड़ता है।

खबर पर अभी कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नई नहीं आई

कोना काउंटी की सीमा सिक्किम से लगी है और गयीरोंग काउंटी नेपाल की सीमा के पास है। तिब्बत, नेपाल व भारत के बीच स्थित बुरांग काउंटी व नगारी प्रांत के जांदा काउंटी से भी होकर यह प्रस्तावित हाईवे गुजरेगा। रिपोर्ट के मुताबिक नगारी प्रांत के कुछ हिस्से पर भारत का कब्जा है। हांगकांग मीडिया में यह खबर आई है। हालांकि अब तक इस पर किसी तरह की आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नई नहीं आई है।

पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने की कोशिश के बीच सामने आई रिपोर्ट

चीन द्वारा एलएसी पर नया हाईवे बनाने के प्लान की रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब भारत-चीन ने दो साल से ज्यादा समय से चल रहे पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को हल करने की कोशिश की है। भारत कई बार कह चुका है कि वह चीन की हर गतिविधि पर नजर रखता है। दोनों देश लद्दाख में सैनिकों को हटाने के लिए अब तक 16 दौर की बातचीत कर चुके हैं।

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