India News (इंडिया न्यूज), AI startup DeepSeek: हाल के दिनों में AI को लेकर सभी देशों में होड़ देखने को मिल रही है। हर कोई एक-दूसरे से आगे निकलना चाहता है। दुनिया का हर बड़ा देश AI तकनीक को विकास का एक अहम पहलू मन रहा। ऐसे में राष्ट्रपति बनने के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने भी इस तकनीक पर ध्यान देना शुरू कर दिया। उन्होंने AI पर स्टारगेट नाम से एक प्रोजेक्ट की घोषणा की, जिसका बजट 500 बिलियन डॉलर है। यह प्रोजेक्ट AI तकनीक में चीन के बढ़ते कदमों को रोकने के लिए लिया गया था। इसी बीच चीन द्वारा उठाए गए एक कदम ने पूरे अमेरिका को हिलाकर रख दिया है।
चीन ने अमेरिका को चौंकाया
चीन ने डीपसीक का AI मॉडल सामने रखा। डीपसीक का AI मॉडल ओपन AI और मेटा प्लेटफॉर्म के मॉडल से कम लागत में बना है। किहू 360 के सीईओ झोउ होंग्यी ने कहा कि डीपसीक ने दुनिया को बदल दिया है। वहीं गेम डेवलपर फेंगजी ने कहा कि डीपसीक चीन की किस्मत बदल सकता है।
एनवीडिया को हुआ भारी नुकसान
एनवीडिया AI पर काम करने वाली दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है। कंपनी के शेयरों में 17 फीसदी की भारी गिरावट आई है। न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया है कि इस गिरावट के कारण कंपनी के मार्केट कैप में 590 बिलियन डॉलर की कमी आई है। अमेरिकी शेयर बाजार में किसी भी कंपनी को इतना बड़ा नुकसान नहीं हुआ है। हाल के दिनों में एनवीडिया के शेयर में लगातार तेजी देखने को मिली थी, लेकिन डीपसीक के कारण अब इसके भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।
डोनाल्ड ट्रंप ने कही ये बात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को कहा कि कम लागत वाला चीनी एआई मॉडल डीपसीक अमेरिकी कंपनियों के लिए चेतावनी है क्योंकि इसके उभरने से प्रौद्योगिकी शेयरों में तेज गिरावट आई है। मियामी में रिपब्लिकन कांग्रेस की बैठक में ट्रंप ने कहा, “उम्मीद है कि एक चीनी कंपनी द्वारा डीपसीक एआई जारी करना हमारे उद्योगों के लिए चेतावनी होगी कि हमें जीतने के लिए पूरी तरह से प्रतिस्पर्धा पर ध्यान केंद्रित करना होगा।”