इंडिया न्यूज, लद्दाख:
(China active in eastern Ladakh) भारत का पड़ोसी देश चीन एक बार फिर से बॉर्डर पर अपने सैनिकों की तैनाती कर रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास करीब 8 लोकेशन पर अपने अस्थायी टेंट बनाने का काम लगभग पूरा कर लिया है। हर लोकेशन पर सात क्लस्टर्स में 80 से 84 तक कंटेनर्स बनाए गए हैं। चीनी सेना ने उत्तर में काराकोरम पास के करीब वहाब जिल्गा से लेकर पीयु, हॉट स्प्रिंग्स, चांग ला, ताशिगॉन्ग, मान्जा और चुरुप तक सैनिकों के लिए शेल्टर बनाया है। चीनी सेना की ओर से ये कैंप कंक्रीट की इमारतों के रूप में बनाए जा रहे हैं। ऐसा लग रहा है कि इस बार चीन बॉर्डर पर लंबे समय तक अपने सैनिकों की तैनाती को बनाए रखना चाहता है।

जानकारी के मुताबिक गलवान घाटी में पिछले साल हुई हिंसक झड़प के बाद से चीन ने अपने एरिया में काम शुरू कर दिया था। सर्दियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए चीन की ओर से अभी भी कई स्थानों पर निर्माण के काम चल रहे हैं।
वहीं चीन इस बात से भी खफा है कि प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में अमेरिका में क्वाड नेताओं के सामने बेबाकी से अपने संदेश रखा है। पीएम मोदी ने चार देशों के सामने अपने संदेश में जबरदस्ती से निडरता का संदेश दिया था। इस संदेश में जबरदस्ती शब्द चीन की ओर ही ईशारा करता है।

दोनों देशों के 50-50 हजार सैनिक तैनात

फिलहाल पूर्वी लद्दाख के पास सीमा रेखा पर भारत और चीन दोनों ने 50-50 हजार सैनिक तैनात किए हुए हैं। इनके पास हॉवित्जर, टैंक और सरफेस-टु-एयर मिसाइल सिस्टम भी हैं। वहीं चीन ने इस क्षेत्र में कई एयरस्ट्रिप और नए हेलीपैड भी बनाए हैं, जो लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैले हुए हैं। इसके साथ ही चीन ने यहां अपने प्रमुख एयरबेस होतन, कशगार, गरगुनसा, ल्हासा-गोंग्गर और शिगात्से को भी अपग्रेड किया है।