India News (इंडिया न्यूज़),China Intercontinental Ballistic Missile Test: दुनिया में जहां एक तरफ युद्ध जैसे माहौल बना हुआ है, तो वहीं दुसरी तरफ चीन ने बुधवार को प्रशांत महासागर में डमी वारहेड के साथ एक अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) का परीक्षण किया। इस अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का नाम DF-41 है। चीनी सेना PLA ने बुधवार सुबह इस मिसाइल का परीक्षण किया। ऐसा 44 साल बाद हुआ है जब चीनी सेना ने खुले तौर पर किसी अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल का परीक्षण किया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इसकी रेंज 12 हजार से 15 हजार किलोमीटर तक है। यह अमेरिका की मुख्य भूमि तक पहुंचने में सक्षम है। यानी चीन के निशाने पर अमेरिका भी है।

चीन चुपचाप कई ICBM का किया परीक्षण

CNN की रिपोर्ट के मुताबिक, 1980 में चीन ने अपने पहले ICBM, DF-5 का परीक्षण देश के उत्तर-पश्चिम में जिउक्वान सैटेलाइट लॉन्च सेंटर से दक्षिण प्रशांत तक किया था, जिसमें 8,000 किलोमीटर (5,000 मील) से ज्यादा की दूरी तय की गई थी। बता दें, चीन ने तब से चुपचाप कई ICBM परीक्षण किए हैं, जिसमें से अधिकांश अपने ही क्षेत्र में किए गए हैं, जिनमें से कई झिंजियांग के सुदूर पश्चिमी क्षेत्र के रेगिस्तान में भी उतरे हैं, तो चलिए जानते हैं DF-41के बारे में पूरी जानकारी, आखिर यह कितना खतरनाक है?

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जमीन के अंदर तबाही मचाने की रखता है ये मिसाइल

बता दें कि, यह मिसाइल अमेरिका की भूमि के अंदर तबाही मचाने की ताकत रखती है। आमतौर पर एक अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल की रेंज आमतौर पर 5500 किलोमीटर तक होती है। लेकिन इसकी रेंज 12 से 15 हजार किलोमीटर है। इसे परमाणु बम ले जाने के लिए बनाया गया है। चीन का ताजा ICBM परीक्षण एशिया-प्रशांत क्षेत्र में बढ़ती मिसाइल गतिविधियों के बीच हुआ है। इस महीने की शुरुआत में, उत्तर कोरिया ने जापान सागर की ओर निर्देशित कई छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया था।

2023 तक चीन के पास 500 हो जाएंगे परमाणु हथियार

चीन ने अपनी परमाणु क्षमताओं को मजबूत किया है और PLA के रॉकेट फोर्स को नया रूप दिया है, जो देश के परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइलों के तेजी से बढ़ते शस्त्रागार की देखरेख करने वाली एक विशिष्ट शाखा है। पिछले कुछ वर्षों में, उपग्रह चित्रों ने चीन के रेगिस्तानों में ICBM के लिए सैकड़ों साइलो का निर्माण दिखाया है और अमेरिकी रक्षा विभाग अगले दशक में बीजिंग के शस्त्रागार में परमाणु हथियारों की संख्या में तेजी से वृद्धि की भविष्यवाणी कर रहा है। चीन के पास 2023 तक 500 से अधिक क्रियाशील परमाणु हथियार होंगे और 2030 तक संभवतः उसके पास 1,000 से अधिक हथियार होंगे।

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