India News (इंडिया न्यूज)China on India Pakistan War: जब भारत और पाकिस्तान ऑपरेशन सिंदूर के तहत युद्ध के मैदान में थे, तब चीन एक बड़ा आंतरिक खेल खेलने में व्यस्त था। यह सर्वविदित है कि इस युद्ध के दौरान चीन ने जनरल अमिस मुनीर की सेना को हथियार मुहैया कराए थे। भारत में लोग इस बात से बहुत नाराज हैं। तुर्की के बहिष्कार की तर्ज पर चीन के बहिष्कार की भी बात हो रही है। इस बीच, आज चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माओ निंग से बीजिंग में पाकिस्तान की युद्ध में मदद करने के बारे में सवाल पूछा गया। ब्लूमबर्ग के रिपोर्टर ने पूछा कि क्या चीन ने भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान पाकिस्तान को हवाई रक्षा सहायता प्रदान की थी।
चीन के प्रवक्ता माओ निंग ने इसका सीधा जवाब देने से परहेज किया और कहा कि इस विषय पर विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित चीनी अधिकारियों से संपर्क करना अधिक उचित होगा। यह बयान स्पष्ट रूप से सवाल से बचने का प्रयास प्रतीत होता है क्योंकि इसमें न तो दावे का खंडन किया गया था और न ही इसकी पुष्टि की गई थी। उन्होंने आगे एक रटे-रटाये स्क्रिप्ट पर बयान दिया। माओ निंग की तरफ से कहा गया कि भारत और पाकिस्तान दोनों ही चीन के महत्वपूर्ण पड़ोसी हैं और चीन हमेशा से अपने पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण और लाभकारी रिलेशन बनाने के वसूलों का पालन करता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत-पाक तनाव के मामलों में चीन ने सदैव निष्पक्ष और संतुलित रुख अख्तियार किया है। चीन ने पाकिस्तान और भारत से युद्ध की जगह संयम बरतने और तनाव न बढ़ाने की भी अपील की है।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन ने सबसे पहले पाकिस्तान का समर्थन करते हुए कहा था कि भारत ने पाकिस्तान पर हमला करके उसकी संप्रभुता को चोट पहुंचाई है। इसी तर्ज पर तुर्की और अजरबैजान ने भी इस युद्ध के दौरान पाकिस्तान की सीधे तौर पर मदद की थी। भारत का साफ कहना है कि सेना की ओर से सिर्फ पाकिस्तान के आतंकी कैंप को ही निशाना बनाया गया था। चीनी प्रवक्ता माओ निंग के ताजा बयान से यह तो साफ नहीं होता कि चीन की भूमिका क्या रही है, लेकिन यह जरूर साफ है कि चीन इस मुद्दे को सार्वजनिक तौर पर स्वीकार करने से बच रहा है। इससे यह संदेह और गहराता है कि चीन और पाकिस्तान के बीच गहरे रक्षा संबंध हैं, जिससे भारत की सुरक्षा चिंताएं बढ़ सकती हैं।