India News(इंडिया न्यूज),China-Taiwan: इजरायल हमास के बीच चल रहे युद्ध के बीच अब चीन और ताइवान के बीच में भी स्थिति असमान्य लगने लगी है। जिसके बाद ताइवान ने बुधवार को कहा कि, चीन ने उसकी सीमा के नजदीक 43 लड़ाकू विमान और सात नौसैनिक पोत भेजे हैं। इसके साथ ही इस विषय ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि, बुधवार सुबह छह बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि के दौरान चीन ने इन लड़ाकू विमानों और नौसैनिक पोत को उसकी सीमा की ओर से भेजे हैं। इनमें से 37 विमान ताइवान जलडमरूमध्य में मध्य रेखा को पार कर गए, जिसे चीन अनौपचारिक सीमा नहीं मानता।
ताइवान रक्षा मंत्रालय ने दी जानकारी
जानकारी के लिए बता दें कि, ताइवान रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि, जबाव में ताइवान ने अपने लड़ाकू विमान और नौसैनिक पोत भेजे तथा मिसाइल प्रणाली को सक्रिय कर दिया है। जानकारी के लिए बता दें कि, अगस्त 2022 में अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की तत्कालीन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी की ताइवान यात्रा के बाद से चीन आक्रामक रुख अपनाये हुये है। चीन ने ताइवान की यात्रा पर अपनी नाराजगी दिखाने के लिए अमेरिका के साथ सैन्य संवाद स्थिगित कर दिया था।
बाइडन शी जिनपिंग से करेंगे मुलाकात
इसके साथ ही बता दें कि, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन इस महीने के आखिर में सैन फ्रांसिस्को में ‘एपीईसी लीडरशिप’ शिखर सम्मेलन से इतर चीन के अपने समकक्ष शी चिनफिंग से मुलाकात करने वाले है। जिसके बारे में व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने कहा कि, राष्ट्रपति इस बारे में आशान्वित हैं।’ राष्ट्रपति बाइडन ने ‘एपीईसी लीडरशिप’ शिखर सम्मेलन के लिए भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी आमंत्रित किया है।
एक नजर
इसके साथ ही बता दें कि, भारत का प्रतिनिधित्व कैबिनेट स्तर के मंत्री द्वारा किए जाने की संभावना अधिक है। जिसके बारे में जीन-पियरे ने कहा कि, ‘हम इस बारे में बात कर रहे हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि वह राष्ट्रपति शी के साथ बैठक को लेकर आशान्वित हैं। इसलिए नवंबर में होने वाली इस बैठक के बारे में अधिक विस्तार से कुछ नहीं कहूंगी। यह सैन फ्रांसिस्को में होने वाली है। बैठक काफी सार्थक होने वाली है। इसके साथ ही उन्होने कहा कि, ‘देखिए, मैं यही कहना चाहती हूं कि हमारा लक्ष्य रचनात्मक संवाद करना है। दोनों नेताओं के बीच नवंबर में सैन फ्रांसिस्को में बैठक होगी। जो कुछ भी होगा वह नवंबर में पता चल जाएगा। सैन फ्रांसिस्को में हमारे बीच सार्थक वार्ता होने वाली है। चीन के साथ किस तरह से आगे बढ़ना है, इस बारे में बाइडन प्रशासन की नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
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