इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
(Evergrand) भारी कर्ज में डूबी चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी एवरग्रांड दिवालिया होने की कगार पर है। एवरग्रांड पर करीब 22 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है, जो दुनिया की किसी भी एक कंपनी पर कुल कर्ज की सबसे ज्यादा राशि मानी जा रही है। लेकिन कंपनी लगातार ये कर्ज चुकाने में नाकाम साबित हो रही है। इसका असर न केवल चीन के बाजार पर बल्कि भारत समेत दुनिया के कई शेयर बाजारों पर पड़ रहा है। एवरग्रांड कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि उनके पास इस भारी-भरकम कर्ज को चुकाने के लिए पैसे नहीं हैं।

Evergrand ऐसे बढ़ता चला गया कर्ज

एक समय में चीन का रियल एस्टेट बाजार अपने चरम पर था। उस समय उक्त कंपनी ने अपना व्यवसाय बढ़ाने के लिए एक के बाद एक बहुत सारे नए प्रोजेक्ट अपने हाथ में ले लिए। कंपनी ने भारी कर्ज भी उठाया और हजारों लोगों को सस्ते घर देने का वायदा कर उनसे भी एडवांस ले लिया। लेकिन अब चीन की सरकार ने कई ऐसे नियम बना दिए हैं जिससे कंपनी द्वारा बनाए जा रहे प्रोजेक्टों की कीमत काफी घट गई है।

वहीं अब कंपनी ऐसी स्थिति में भी नहीं है कि वो अपना कर्ज चुका सके। कंपनी पर इस समय 22 लाख करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है। कंपनी को पहले 23 सितम्बर तक का समय दिया गया था लेकिन 23 सितम्बर को कंपनी के अधिकारियों ने जल्द ही कर्ज चुकाने की बात कह डाली थी। लेकिन आज 5 दिन बाद कंपनी ने हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं। इसका असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर पड़ना शुरू हो गया है। बात करें भारतीय शेयर बाजार की तो बीएसई का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स लगभग 900 अंकों के साथ भारी गिरावट पर चल रहा है।

1996 में स्थापित हुई थी Evergrand

रियल एस्टेट से जुड़ी कंपनी एवरग्रांड 1996 में शुरू हुई थी। कंपनी के अकेले चीन 200 शहरों में 1250 से ज्यादा प्रोजेक्ट हैं। रियल एस्टेट के अलावा कंपनी का इलेक्ट्रिक व्हीकल, थीम पार्क, फूड एंड बेवरेज, टूरिज्म और पैकेज्ड वाटर बोटल का भी कारोबार है। जिनमें 2 लाख से भी ज्यादा लोगों को रोजगार मिला हुआ है। कंपनी की खुद की एक फुटबॉल टीम भी है।