इंडिया न्यूज, वाशिंगटन (Chinese Rocket Debris): चीन के बेकाबू रॉकेट ने एक बार फिर से दुनिया की टेंशन बढ़ा दी। शनिवार को एक खतरा आसमान में नजर आया जब चीन के एक रॉकेट का मलबा हिंद व प्रशांत महासागर के ऊपर धरती पर क्रैश हुआ। यह जानकारी अमेरिकी व चीनी अधिकारियों ने दी है। अंतरिक्ष से आई इस आफत को देखकर लोगों के होश उड़ गए। सोशल मीडिया पर भी इसका वीडियो वायरल हुआ है।
चीन ने 24 जुलाई को अपने अधूरे तियांगोंग अंतरिक्ष स्टेशन को पूरा करने के लिए एक मॉड्यूल लेकर एक राकेट भेजा था। इसका नाम लॉन्ग मार्च 5 बी था। इसके लॉन्च होने के बाद से वैज्ञानिकों को चिंता थी कि ये रॉकेट अंतरिक्ष से धरती पर गिर सकता है। 30-31 जुलाई की दरमियानी रात रॉकेट पृथ्वी के एटमॉस्फियर में एंटर करते ही जल गया और इसके कुछ टुकड़े धरती पर आ गिरे।
बता दें कि धरती से लॉन्च सैटेलाइट और रॉकेट अंतरिक्ष में जाकर कुछ समय बाद मलबा बन जाते हैं। ये मलबा वैसे तो सक्रिय उपग्रहों और स्पेस मिशन के लिए खतरनाक होता है लेकिन कई बार धरतीवसियों के लिए भी घातक साबित हो सकता है। वैज्ञानिकों का कहना है कि धरती से लॉन्च किए गए सैटेलाइट और रॉकेट कई बार अंतरिक्ष में अनियंत्रित हो जाते हैं। इनका मलबा धरती पर गिरता है जिससे दुनिया का एक बड़ा हिस्सा भी प्रभावित हो सकता है।
इस बारे में चीन की स्पेस एजेंसी ने कहा कि लॉन्ग मार्च 5 रॉकेट के ज्यादातर हिस्से वायुमंडल में ही जल गए। रॉकेट के मलबे ने प्रशांत महासागर के सुलु सागर के ऊपर पृथ्वी में दोबारा प्रवेश किया। जबकि पहले अंतरिक्ष विशेषज्ञों ने कहा था कि मलबे के किसी आवासीय इलाके पर गिरने की संभावना बेहद कम है। अनियंत्रित तरीके से धरती पर गिरे रॉकेट के मलबे ने स्पेस कचरे की जिम्मेदारी को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया पर शेयर किए गए वीडियो में जलता हुआ मलबा धरती पर गिरता देखा जा सकता है।
वहीं अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने भी कई बार चीन की स्पेस एजेंसी से अंतरराष्ट्रीय मानदंडों के अनुसार ऐसे रॉकेट डिजाइन करने के लिए कहा है जो धरती पर गिरते समय छोटे-छोटे टुकड़ों में टूट जाए। यूएस स्पेस कमांड ने ट्वीट कर लिखा कि 7 जुलाई को करीब 10:4 am MDT बजे लॉन्ग मार्च 5 हिंद महासागर के ऊपर पृथ्वी पर लौटा। चीनी स्पेस एजेंसी की ओर से दिए कॉर्डिनेट्स के मुताबिक रॉकेट के पृथ्वी पर दोबारा लौटने की जगह सुलु सागर में फिलीपीन के पलावन द्वीप के पूर्व में थी।
बताया गया है कि चीन के निमार्णाधीन स्पेस स्टेशन, टियांगोंग की ओर जाने वाले रॉकेटों को धरती पर गिरते समय कंट्रोल नहीं किया जा सकता। चीनी सरकार ने बुधवार को कहा कि रॉकेट के धरती के लौटने से किसी को कोई भी खतरा नहीं होगा क्योंकि इसके समुद्र में गिरने की संभावना है। लेकिन इस मलबे के रिहायशी इलाके में भी गिरने की संभावना थी। मई 2020 में इसी तरह के एक मलबे ने आइवरी कोस्ट पर कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया था।
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