इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : सीमापार आतंकवाद को बढ़ावा देने में भूमिका के मद्देनजर पाकिस्तान को ‘आतंक का केंद्र’ करार देने संबंधी अपनी टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि वह इससे भी कड़े शब्दों का इस्तेमाल कर सकते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया को आतंकवाद पर चिंतित होने की जरूरत है। पाकिस्तान को अक्सर ‘आतंकवाद का केंद्र’ बताने वाले जयशंकर ने ऑस्ट्रिया के राष्ट्रीय प्रसारक ‘ORF’ को इंटरव्यू के दौरान आतंकवाद की निंदा नहीं करने को लेकर यूरोपीय देशों की आलोचना की।
जयशंकर ने आगे कहा कि आप एक राजनयिक हैं, इसका अर्थ यह नहीं है कि आप बातों को घुमा-फिरा कर कहें। उन्होंने कहा,‘‘ मैं ‘केंद्र’ से ज्यादा कड़े शब्दों का प्रयोग कर सकता था। इसलिए जो कुछ हमारे साथ घट रहा है, उसके लिए ‘केंद्र’ अधिक कूटनीतिक शब्द है।’’ जानकारी दें, विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के लिए ‘आतंकवाद का केंद्र’ शब्द के उपयोग पर पूछे गए सवाल के जवाब में यह बात कही।
जयशंकर ने आगे कहा, ‘‘अगर दिनदहाड़े शहरों में आतंकी अड्डे चल रहे हों, भर्तियां और फंडिंग हो रही हो, तब आप ही बताएं कि क्या पाकिस्तान की सरकार को इसकी जानकारी नहीं होगी कि क्या हो रहा है? खासतौर पर तब जब सैन्य स्तर का प्रशिक्षण दिया जा रहा हो। इसलिए जब हम फैसले और सिद्धांतों की बात करते हैं, तो यूरोप इसकी कड़ी आलोचना क्यों नहीं करता, जो दशकों से चल रहा है?’’
मालूम हो, यह पूछे जाने पर कि क्या दुनिया को भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की आशंका से चिंतित होना चाहिए, इस पर विदेश मंत्री ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि दुनिया को आतंकवाद के प्रति चिंतित होना चाहिए। मैं समझता हूं कि दुनिया को इस बात से चिंतित होना चाहिए कि आतंकवाद जारी है और अक्सर दुनिया कहीं और देख रही है। दुनिया अक्सर यह सोचती है कि यह उसकी समस्या नहीं है क्योंकि यह किसी दूसरे देश में घट रही है।’’
जयशंकर ने कहा, ‘‘मैं सोचता हूं कि दुनिया को इस बात की चिंता करनी चाहिए कि वह कितनी गंभीरता एवं कितनी मजबूती के साथ आतंकवादियों की चुनौती को लेती है।’’ गौरतलब है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (2 जनवरी) को ऑस्ट्रिया के अपने समकक्ष अलेक्जेंडर शालेनबर्ग के साथ कई क्षेत्रीय और वैश्विक स्थितियों पर ‘‘खुली और सार्थक’’ चर्चा की थी। दोनों पक्षों ने भारतीय छात्रों और प्रफेशनल्स के लिए इमिग्रेशन और यात्रा सहूलियत सहित कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए। दो देशों के अपने दौरे के दूसरे चरण में साइप्रस से यहां पहुंचे जयशंकर ने यह भी कहा था कि ऑस्ट्रिया के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर वान डेर बेलेन और चांसलर कार्ल नेहमर सहित इस देश के नेताओं के साथ उनकी व्यापक बातचीत हमारे संबंधों के साथ मौजूदा ग्लोबल मुद्दों पर ऑस्ट्रिया के नजरिये को समझने में काफी अहम है।
आपको बता दें, पाकिस्तान का संदर्भ देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि सीमा पार से होने वाले आतंकवाद को किसी एक क्षेत्र के अंदर सीमित नहीं किया सकता, खासतौर पर जब वह ड्रग्स और हथियारों की तस्करी और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के अन्य स्वरूपों से गहराई से जुड़ा हुआ है। उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा था, ‘‘चूंकि इसका केंद्र (आतंकवाद) भारत के काफी करीब स्थित है तो स्वाभाविक तौर पर हमारा अनुभव दूसरों के लिए उपयोगी हो सकता है।’’
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