India News (इंडिया न्यूज), Monaco: दुनिया के कुछ ऐसे देश हैं जहां मुस्लिम आबादी तो मौजूद है, लेकिन वहां कोई मस्जिद नहीं है। इसका कारण सामाजिक, सांस्कृतिक या ऐतिहासिक हो सकता है। आइए जानते हैं कुछ ऐसे ही देशों के बारे में जहाँ मुस्लिम समुदाय रहते हुए भी मस्जिद का अभाव है।
1. मोनैको
- विवरण: मोनैको फ्रांस और इटली के बीच स्थित दुनिया का दूसरा सबसे छोटा देश है। यहां मुस्लिम समुदाय के लोग रहते हैं, लेकिन कोई मस्जिद नहीं है। हालांकि, मुस्लिमों को अपनी धार्मिक गतिविधियाँ पूरी आजादी से करने की अनुमति है।
- कारण: मोनैको का आकार बहुत छोटा होने के कारण यहाँ सीमित धार्मिक स्थल हैं, और स्थानीय प्रशासन ने अब तक मस्जिद के निर्माण की अनुमति नहीं दी है।
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2. स्लोवाकिया
- विवरण: स्लोवाकिया में मुस्लिम आबादी तो है, लेकिन वहां एक भी मस्जिद नहीं है। मुस्लिमों को अपने धर्म का पालन करने की आजादी है, लेकिन मस्जिद निर्माण को लेकर अब तक कोई पहल नहीं की गई है।
- कारण: ऐतिहासिक और सांस्कृतिक कारणों के चलते स्लोवाकिया में मस्जिदों का निर्माण नहीं हुआ। हालांकि, यहाँ इस्लामिक सेंटर मौजूद हैं, जहाँ मुस्लिम समुदाय अपने धर्म का पालन करते हैं।
3. भूटान
- विवरण: भारत के पड़ोसी देश भूटान में लगभग 5,000 से 7,000 मुस्लिम लोग रहते हैं। भूटान अपनी पारंपरिक संस्कृति और बौद्ध धर्म के प्रति समर्पण के लिए जाना जाता है, जिसके चलते वहाँ मस्जिदों का निर्माण नहीं हुआ है।
- कारण: भूटान की सरकार अपने सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान को सहेजने में विशेष ध्यान देती है, इसलिए अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों की अनुमति नहीं दी जाती है।
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4. वैटिकन सिटी
- विवरण: वैटिकन सिटी ईसाई धर्म का सबसे महत्वपूर्ण केंद्र है, और यहाँ केवल ईसाई धर्म से जुड़े धार्मिक स्थल ही हैं। यहाँ मुस्लिम समुदाय नहीं है और मस्जिद भी नहीं है।
- कारण: वैटिकन सिटी कैथोलिक ईसाई धर्म का केंद्र है और इसका अस्तित्व इसी धार्मिक उद्देश्य के लिए है, इसलिए यहाँ अन्य धर्मों के धार्मिक स्थलों का अभाव है।
5. उरुग्वे
- विवरण: उरुग्वे में मुस्लिम आबादी मौजूद है, विशेषकर मोंटवीडियो में। यहाँ कुछ इस्लामिक सेंटर हैं, लेकिन कोई मस्जिद नहीं है। मोंटवीडियो में तीन इस्लामिक सेंटर हैं जहां मुस्लिम अपनी धार्मिक गतिविधियाँ कर सकते हैं।
- कारण: उरुग्वे में धार्मिक स्वतंत्रता है, लेकिन वहाँ पर मस्जिदों का निर्माण नहीं हुआ है। मुस्लिम समुदाय अपने इस्लामिक सेंटर में इबादत करते हैं और धार्मिक अनुष्ठानों का पालन करते हैं।
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इन देशों में मस्जिदों का न होना धार्मिक स्वतंत्रता की कमी को नहीं दर्शाता बल्कि इनके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और जनसंख्या वितरण की विशेषता को दर्शाता है। यहाँ के मुस्लिम समुदाय अन्य धार्मिक स्थलों के अभाव के बावजूद अपनी धार्मिक मान्यताओं का पालन करते हैं और समाज का हिस्सा बने हुए हैं।