India News (इंडिया न्यूज),Covid Update: दुनिया भर में एक बार फिर कोरना कोहराम मचाने के लिए तैयार बैठा है। जहां विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा जारी एक रिपोर्ट में बताया गया है कि, दिसंबर 2023 में कोरोना से कुल 10,000 मौते हुई है। ये आकड़े भयभीय करने वाले है। वहीं इस मामले में बुधवार को, विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने जानकारी देते हुए कहा कि पिछले महीने कोविड-19 संचरण में वृद्धि का श्रेय छुट्टियों की सभाओं और दुनिया भर में प्रमुख संस्करण के प्रसार को दिया गया। जिसके बाद दिसंबर में लगभग 10,000 मौतें हुईं, लगभग 50 देशों में अस्पताल में प्रवेश में 42% की वृद्धि हुई।
वहीं इस मामले में आगे डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा, “हालांकि एक महीने में 10,000 मौतें महामारी के चरम से काफी कम हैं, लेकिन रोकी जा सकने वाली मौतों का यह स्तर स्वीकार्य नहीं है।”
उन्होंने अज्ञात स्थानों पर मामलों में वृद्धि की निश्चितता पर जोर दिया और सरकारों से उपचार और टीकों तक निरंतर पहुंच सुनिश्चित करते हुए सतर्क निगरानी बनाए रखने का आग्रह किया।
इसके साथ ही अब बात अगर भारत में कोरोना के हाल की करें तो आधिकारिक सूत्रों से पता चला है कि 12 राज्यों में कोविड-19 सब-वेरिएंट जेएन.1 के 827 मामले सामने आए हैं। महाराष्ट्र में 250 मामले, कर्नाटक में 199, केरल में 155, गोवा में 49, गुजरात में 36, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में 30-30, तमिलनाडु और तेलंगाना में 26-26, दिल्ली में 22, ओडिशा में 3 और हरियाणा में 1 मामला दर्ज किया गया। मामलों की बढ़ती संख्या और देश में JN.1 उप-संस्करण की उपस्थिति के बावजूद, अधिकारियों ने चिंता का कोई तत्काल कारण व्यक्त नहीं किया। संक्रमित लोगों में से अधिकांश घर-आधारित उपचार का चयन कर रहे हैं, जो हल्की बीमारी का संकेत देता है।
वहीं लगातार बड़ते कोविड मामलों में जेएन.1 वेरिएंट का पता चलने के जवाब में, केंद्र ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निरंतर सतर्कता बनाए रखने की सलाह दी है। इसके साथ ही उनसे केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रदान की गई COVID-19 के लिए संशोधित निगरानी रणनीति के विस्तृत परिचालन दिशानिर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया गया है। राज्यों को विशेष रूप से सभी स्वास्थ्य सुविधाओं में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (एसएआरआई) के जिला-वार मामलों की नियमित निगरानी और रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है ताकि प्रारंभिक चरण में मामलों में किसी भी वृद्धि की प्रवृत्ति का पता लगाया जा सके।
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