India News (इंडिया न्यूज),  Danish MP On Trump: डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार (20 जनवरी, 2025) को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद अपने पहले संबोधन में ग्रीनलैंड पर अमेरिकी नियंत्रण की बात कही थी। लेकिन अब डेनमार्क के एक सांसद ने इसका विरोध किया है और ट्रंप को फटकार लगाई है। अपने संबोधन के दौरान डेनमार्क के एक सांसद ने ऐसी खरी खोटी सुनाई है। उसे सुनकर ट्रंप के होश उड़ने वाले हैं। उनके इस बयान का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। ग्रीनलैंड दशकों से डेनमार्क का हिस्सा रहा है।

डेनमार्क के सांसद ने क्या कहा?

ऐसे में गुरुवार को यूरोपीय संसद में बोलते हुए डेनमार्क के सांसद एंडर्स विस्टिसन ने कहा कि प्रिय राष्ट्रपति ट्रंप, ध्यान से सुनिए। ग्रीनलैंड 800 सालों से डेनमार्क का हिस्सा रहा है। यह हमारे देश का अभिन्न अंग है। यह बिक्री के लिए नहीं है। मैं इसे आपको सरल शब्दों में समझाता हूं। इसके बाद एंडर्स ने ट्रंप के लिए अपशब्दों का इस्तेमाल किया। लेकिन इसके तुरंत बाद यूरोपीय संसद की उपाध्यक्ष निकोल स्टेफनुटा ने एंडर्स को फटकार लगाई और कहा कि इस तरह की भाषा की इजाजत नहीं दी जा सकती। यह सदन में नहीं चलेगा। 

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ट्रंप कई मौकों पर ग्रीनलैंड पर जता चुके हैं ट्रंप

आपको बता दें कि ट्रंप कई मौकों पर कह चुके हैं कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अमेरिका को ग्रीनलैंड की जरूरत है। ऐसे में ग्रीनलैंड पर अमेरिकी नियंत्रण बेहद जरूरी है। इससे पहले ग्रीनलैंड के प्रधानमंत्री मुट इंगा ने भी साफ तौर पर कहा था कि ग्रीनलैंड उनके लोगों का है और बिक्री के लिए नहीं है। ग्रीनलैंड की रणनीतिक स्थिति दरअसल उत्तरी अटलांटिक महासागर है। वैसे तो यह उत्तरी अमेरिकी महाद्वीप का हिस्सा है, लेकिन भू-राजनीतिक दृष्टि से देखा जाए तो इसका यूरोप से भी संबंध है। ट्रंप राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर ग्रीनलैंड पर कब्जा करने की बात कर रहे हैं। लेकिन असली वजह यह है कि ट्रंप की नजर इस जमीन के टुकड़े पर है, क्योंकि यहां के प्राकृतिक संसाधन और भू-राजनीतिक स्थिति बहुत अच्छी है।

ग्रीनलैंड 1953 तक डेनमार्क का उपनिवेश था। इस पर अभी भी डेनमार्क का नियंत्रण है, लेकिन 2009 से वहाँ एक अर्ध-स्वायत्त सरकार है। घरेलू नीतियों और दूसरे मामलों में ग्रीनलैंड सरकार सर्वोच्च अधिकारी है, लेकिन रक्षा और विदेशी मामलों को संभालने का अधिकार डेनमार्क सरकार के पास है।

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