India News (इंडिया न्यूज), Delhi Air Pollution: दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण अब खतरनाक स्तर पर पहुंच चूका है। अब अंतराष्ट्रीय लेवल पर फजीहत करवा रहा है। अजरबैजान की राजधानी बाकू में पर्यावरण को लेकर आयोजित COP29 समिट में दिल्ली की जहरीली हवा पर चर्चा और लंबा मंथन हुआ।पर्यावरण विशेषज्ञों ने दिल्ली के प्रदूषण पर ना सिर्फ चिंता जताई, बल्कि प्रयासों को लेकर भी बात की। दरअसल, बढ़ती ठंड में दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर बन चुका है। हालात इतने बेकाबू हो चुके हैं की फिलहाल राहत की कोई उम्मीद नहीं है। वहीं 24 घंटे का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 494 पर पहुंच गया है। यह आंकड़ा इस सीजन में सबसे ज्यादा है। मंगलवार सुबह कई जगहों पर हवा की गुणवत्ता 500 (गंभीर से भी ज्यादा) पर पहुंच गई।

अंतराष्ट्रीय मंच पर दिल्ली प्रदुषण का मामला

बता दें कि, दिल्ली की खतरनाक हवा की गुणवत्ता COP29 मीटिंग का मुख्य फोकस रही। विशेषज्ञों ने वायु प्रदूषण से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों के बारे में चेतावनी दी है और तत्काल वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया है। क्लाइमेट ट्रेंड्स की निदेशक आरती खोसला का कहना है कि दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है। कुछ इलाकों में पार्टिकुलेट प्रदूषण 1,000 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर से भी ज्यादा दर्ज किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण ब्लैक कार्बन, ओजोन, जीवाश्म ईंधन जलाने और खेतों में आग (पराली जलाने) जैसे कई स्रोतों से होता है। हमें ऐसे समाधान की आवश्यकता है जो इन सभी से निपट सकें।

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गरीब देशों की मदद करनी होगी- कनाडा

दरअसल, ग्लोबल क्लाइमेट एंड हेल्थ अलायंस के उपाध्यक्ष कोर्टनी हॉवर्ड ने कनाडा के अपने अनुभव साझा किए। कनाडा में 2023 में जंगल की आग ने 70 प्रतिशत आबादी को संकट में डाल दिया और क्षेत्र को खाली करने के लिए मजबूर कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सब काम हमारे जैसे अमीर देश के लिए भी महंगा था। गरीब देशों को ऐसी आपदाओं से निपटने के लिए वित्तीय मदद की जरूरत है। हॉवर्ड ने बड़ी कंपनियों को दी जाने वाली भारी सब्सिडी के बावजूद स्वास्थ्य सेवा के लिए बजट की कमी की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि हम भारी मुनाफा कमाने वाली कंपनियों को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर दे रहे हैं। लेकिन हम कहते हैं कि स्वास्थ्य सेवा के लिए पैसा नहीं है। हमें सभी की सुरक्षा के लिए स्वास्थ्य के लिए बजट बनाना चाहिए।

भारत-पाकिस्तान ने क्या मुद्दा उठाया?

बता दें कि, भारत के केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के संयुक्त सचिव नरेश पाल गंगवार ने सीओपी 29 के दौरान एक चर्चा में देशों, खासकर पाकिस्तान और बांग्लादेश से सीमा पार वायु प्रदूषण को प्रबंधित करने और कम करने के लिए सक्रिय, सहयोगी कदम उठाने का आह्वान किया।पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सचिव और अन्य ने सोमवार को पाकिस्तान में वायु प्रदूषण और धुंध के मुद्दे पर चर्चा की और क्षेत्र की स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की। पाकिस्तानी अधिकारी ने सीमा पार वायु प्रदूषण के मुद्दे को कम करने के लिए भारत-पाकिस्तान जलवायु कूटनीति की वकालत की।

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