इंडिया न्यूज, ताइपे (Drone War): ताइवान और चीन के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी बीच ताइवान की ओर से बड़ा एक्शन लिया गया है। जानकारी के मुताबिक अपने क्षेत्र में आए एक ड्रोन को ताइवान ने गोली से मार गिराया है। ऐसा पहली बार हुआ है जब ताइवान ने सैन्य कार्रवाई की है।

ताइवान के किनमेन डिफेंस कमांड ने कहा कि किनमेन के पास एक अज्ञात सिविल ड्रोन को मार गिराया है। इससे पहले ताइवान ने किनमेन द्वीप में घुसने का प्रयास कर रहे एक चीनी ड्रोन पर पहली बार वार्निंग शॉट्स भी दागे थे जो इस तरह की पहली घटना थी। बता दें कि जब से अमेरिकी सांसद नैंसी पेलोसी ने ताइवान का दौरा किया है, तभी से चीन ने ताइवान को चारों ओर से घेरा हुआ है। चीन लगातार ताइवान के चारों ओर सैन्य अभ्यास कर रहा है। इससे चीन और ताइवान में तनाव बना हुआ है।

बता दें कि ताइवान ने संकल्प लिया है, वह उकसाने वाले चीन के किसी भी कदम का जवाब देगा। उक्त घटना के बारे में ताइवानी सेना ने कहा कि बल ने यह कदम मंगलवार को किनमैन द्वीप समूह के ऊपर ड्रोन को उड़ते हुए देखने के बाद उठाया। इस द्वीपसमूह के जिस डडान द्वीप के ऊपर ड्रोन उड़ रहा था वह चीन के तट से करीब 15 किलोमीटर दूर है। जानकारी के मुताबिक गोलीबारी के बाद ड्रोन नजदीकी चीनी शहर शियामैन लौट गया। यह घटना अगस्त की शुरूआत में चीन द्वारा समुद्र में मिसाइल दागने, लड़ाकू विमान और पोत भेजने के बाद बढ़े तनाव के बाद हुई है।

पिछले 2 दिन में 4 बार गोलीबारी

जानना जरूरी है कि ताइवान की राष्ट्रपति त्साई इंग वेन ने सेना से संयम रखने के लिए कहा है लेकिन उन्होंने यह भी कहा है कि इसका यह मतलब बिल्कुल नहीं है कि ताइवान की सेना जवाब नहीं दे सकती। दरअसल, पिछले 2 दिनों में चीन के 4 सिविल ड्रोन के ताइवानी हवाई क्षेत्र में घुसपैठ करने के बाद किनमेन डिफेंस कमांड ने 4 बार गोलीबारी की है।

चीन ने ग्रे जोन रणनीति में बढ़ोत्तरी की है जिसको ताइवान के अधिकारी बीजिंग के ‘उङ्मॅल्ल्र३्र५ी हं१ां१ी’ के हिस्से के रूप में देख रहे हैं। इसका उद्देश्य ताइवानी सेना की क्षवि और सरकार में लोगों के विश्वास को कमजोर करना है। लेकिन जिस तरह पिछले कुछ दिनों से चीन और ताइवान के बीच घटनाक्रम आगे बढ़ रहा है वह दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ने के संकेत दे रहा है।

चीन ने अमेरिका को दिया ये संदेश

उधर, चीन ने ड्यूसी की ताइवान यात्रा पर अमेरिका को संदेश दिया कि वह अमेरिका और ताइवान के बीच किसी भी आधिकारिक संबंध का विरोध करता है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि हम अमेरिका के भीतर मौजूद संबंधित पक्षकारों से भी आह्वान करते हैं। वे ताइवान में किसी भी तरह का आधिकारिक संपर्क न रखों। चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए मजबूत कदम उठाएगा।

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