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Google को निगल जाने की तैयारी में जुटे एलन मस्क : आम आदमी की जुबान भी पकड़ लेने वाले ChatGPT किया लांच

इंडिया न्यूज़ (दिल्ली) : आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च ग्रुप OpenAI ने चैटबॉट ‘चैटजीपीटी’ (ChatGPT) लॉन्च किया है। ज्ञात हो, यह चैट बॉट संवाद आधारित है जो मानवीय भाषा और व्यवहार को समझकर जवाब देने में सक्षम है। इसकी विशेष क्षमताओं के कारण यह भी कहा जा रहा है कि आने वाले समय में यह गूगल को कड़ी टक्कर देते हुए उसकी जगह भी ले सकता है।

ChatGPT को जानें

जानकारी दें, आसान शब्दों में चैट जीपीटी को समझें तो यह एक ऐसा चैट बॉट है, जिससे यूजर्स सवाल पूछ सकते हैं। हालाँकि, अब तक सामने आए कई अन्य चैट बॉट्स भी जवाब देने में सक्षम हैं। लेकिन, वे सिर्फ कुछ खास सवालों के जवाब ही दे सकते हैं। वहीं, ChatGPT इन सब से काफी अलग है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करके सभी तरह के सवालों का जवाब देने में सक्षम है। इसमें टेक्निकल और नॉन टेक्निकल दोनों ही तरह के सवालों के जवाब शामिल हैं।

गूगल को निगलने की तैयारी में मस्क

आपको बता दें, दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क की कंपनी Open AI द्वारा बनाया गया ChatGPT 3.5 लैंग्वेज मॉडल पर आधारित है। इसे कुछ इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह लिखने-पढ़ने से लेकर अन्य सभी तरह के कार्यों में यूजर्स का सहयोग करेगा। साथ ही, यह अनावश्यक या काल्पनिक सवालों को भी समझता है। यानी कि चैट जीपीटी की सेल्फ सेंसरिंग भी बेहतरीन है।

ChatGPT की वर्किंग प्रणाली

ज्ञात हो, ChatGPT को AI और मशीन लर्निंग द्वारा तैयार किए गए, सिस्टम को संवादात्मक इंटरफ़ेस के माध्यम से जानकारी प्रदान करने और सवालों के जवाब देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह सामान्य चैट बॉट की तरह ही है, जिन्हें कुछ विशिष्ट कीवर्ड और वाक्यों को समझने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। समय के साथ-साथ बॉट अधिक से अधिक प्रश्नों को समझने के लिए स्वयं को ट्रेंड कर लेते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो कोई भी बातचीत करने वाला AI चैटबॉट अनुभव से सीखता और ट्रेंड होता है।

इसी प्रकार, ChatGPT को भी कुछ शब्द नहीं, बल्कि कई लाख शब्दों और वाक्यों के लिए AI के माध्यम से ट्रेंड किया गया है। इसी ट्रेनिंग के द्वारा अब यह सभी सवालों के जवाब देने में सक्षम है।

मस्क की कंपनी OpenAI का ChatGPT को लेकर दावा

जानकारी दें, ChatGPT बनाने वाली कंपनी OpenAI का कहना है इसे इसलिए बनाया गया था ताकि AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के उपयोग में आसानी हो। OpenAI ने कहा है कि चैटजीपीटी सवालों के जवाब देता है, अपनी गलतियों को स्वीकार करता है और अनुचित अनुरोधों या सवालों को नकार देता है। यानी, यदि ChatGPT को लगता है कि सवाल गलत है या काल्पनिक है तो वह इस बारे में भी यूजर को बता देता है।

फिलहाल OpenAI ने ChatGPT को जाँच और बीटा टेस्टिंग के लिए ही लॉन्च किया है। लेकिन अगले साल एपीआई एक्सेस की भी उम्मीद की जा रही है। एपीआई एक्सेस मिलने के बाद सॉफ्टवेयर डेवलपर्स इस चैट बॉट को अपने सॉफ्टवेयर में इनबिल्ड करने में सक्षम होंगे।

खूबियां से लबरेज हैं ChatGPT

आपको बता दें, ChatGPT की ऐसी कई विशेषताएँ जिनके कारण यह कहा जा रहा है कि यह बॉट गूगल को कड़ी टक्कर देने में सक्षम है। उदाहरण के लिए देखें तो, यह सवालों के जवाब देने के अलावा गणित के समीकरणों को भी हल कर सकता है। यही नहीं, इसे टॉपिक बताने पर उसके बारे में बड़े-बड़े लेख या पूरी पुस्तक भी लिखने के साथ ही फिल्मों की कहानियाँ भी लिखने में सक्षम है।

विभिन्न प्रकार की कम्यूटर लैंग्वेज की समझ भी इस बॉट में विकसित की गई है, जिससे यह कोडिंग के दौरान डेवलपर्स को यह बता सकता है कि क्या-क्या गलतियाँ हो रहीं हैं। कम्प्यूटर की लैंग्वेज के बाद मानवीय भाषाओं में भी इसकी अच्छी पकड़ है यही कारण है कि यह एक भाषा को दूसरी भाषा में ट्रांसलेट कर सकता है।

ChatGPT का ऐसे करे उपयोग

आपको बता दें, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस द्वारा संचालित चैट बॉट चैटजीपीटी का उपयोग करना बेहद आसान है। इसके लिए, https://chat.openai.com पर जाकर लॉग इन/साइन अप करने के बाद दिखाई देने वाली चैट विंडो से, यूजर ChatGPT का उपयोग कर सकते हैं।

सोशल मीडिया पर ऐसे कई कंटेंट हैं जिनमें ChatGTP से बात करने के बाद उसके द्वारा दिए गए जवाबों के बारे में बताया गया है। लेखक जेफ़ यांग ने ट्वीट कर बताया है कि उन्होंने चैटजीपीटी को बिल्ली की शैली में जीरो पॉइंट ऊर्जा के बारे में विस्तार से बताने के लिए कहा था।

इस पर, ChatGTP ने जवाब दिया, “म्याऊँ, म्याऊँ, म्याऊँ, म्याऊँ! जीरो पॉइंट ऊर्जा, ऊर्जा की उस मात्रा की तरह है जो हमेशा मौजूद रहती है, यहाँ तक ​​कि तब भी जब वस्तु स्थिर या शांत अवस्था में हो।” इसका मतलब यह था कि ChatGTP ने बेहतरीन अंदाज में जीरो पॉइंट एनर्जी को समझा दिया।

ChatGPT कितना फायदेमंद

यूँ तो चैटजीपीटी का उपयोग कर बहुत सारी ऐसी जानकारियाँ हासिल की जा सकतीं हैं। लेकिन, सबसे बड़ी बात यह है कि इसे बनाने वाली कंपनी OpenAI का कहना है कि ChatGPT कभी-कभी गलत जानकारी भी दे सकता है। साथ ही, इसका नॉलेज साल 2021 से पहले हुई वैश्विक घटनाओं तक ही सीमित है। इसके अलावा, आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि क्या यह Google की जगह ले सकता है? तो इसका उत्तर हाँ और नहीं दोनों हो सकते हैं।

दरअसल, Google एक सर्च इंजन है जिससे करेंट न्यूज से लेकर फोटोज, वीडियोज, सोशल मीडिया कंटेंट इत्यादि सर्च किया जा सकता है। वहीं, ChatGPT में फिलहाल ऐसा संभव नहीं है। लेकिन, यह गूगल से बेहतर तरीके से काम करने में सक्षम है और चीजों को अच्छे ढंग से समझकर उसके बारे में विस्तार से बताता भी है, जबकि गूगल में ऐसा नहीं होता है। इसलिए, कुछ मामलों में यह Google से बेहतर भी साबित हो सकता है।

Ashish kumar Rai

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