इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
End of Life Choice Act now Legal: न्यूजीलैंड में लंबे समय से जारी बहस के बाद रविवार की सुबह इच्छा मृत्यु वाला कानून लागू कर दिया गया है। इस कानून से अब लोग अपनी मर्जी से मर सकते हैं। न्यूजीलैंड से पहले कोलंबिया, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, लग्जमबर्ग, स्पेन, नीदरलैंड और स्विटरजलैंड जैसे देशों में इच्छा मृत्यु को कानूनी दर्जा दिया गया है। इच्छा मृत्यु कानून के तहत एक शर्त रखी गई हैं। इस कानून के तहत केवल उन्हीं लोगों को अपनी मर्जी से मरने की अनुमति मिलेगी, जो टर्मिनल इलनेस से ग्रसित हैं। यानी ऐसी बीमारी जो अगले छह महीने में जिंदगी खत्म कर देती है।
प्रक्रिया के लिए कम से कम दो डॉक्टरों की सहमति अनिवार्य End of Life Choice Act now Legal
अपनी मर्जी से मरने की प्रक्रिया के लिए कम से कम दो डॉक्टरों की सहमति अनिवार्य है। इच्छा मृत्यु कानून को लागू करने के लिए जनमत संग्रह कराया गया था, जिसमें 65 फीसदी से अधिक लोगों ने इसके पक्ष में वोट दिया। इस मुद्दे पर न्यूजीलैंड में लंबे समय से बहस जारी थी जिसका नतीजा है कि आज से आखिरकार कानून लागू हो गया है। इस कानून का नाम बेशक सुनने में थोड़ा सा अजीब लगता हो लेकिन कुछ लोगों के लिए राहत भरी खबर भी है।
कानून के विरोध में उतरे लोग End of Life Choice Act now Legal
इच्छा मृत्यु कानून का कई लोग विरोध भी कर रहे हैं। विरोधियों का कहना है कि इच्छा मृत्यु से समाज का इंसानी जीवन और मूल्यों के प्रति कमजोर होगा। इससे कमजोर लोगों, खासकर विकलांग या जीवन के अंतिम दिनों में रह रहे लोगों की देखभाल में कमी आएगी। इस इच्छा मृत्यु कानून का समर्थन करने वाले लोगों का कहना है कि इंसान को अधिकार है कि वह कब और कैसे मरना चाहता है, और इच्छा मृत्यु कानून उन्हें सम्मान के साथ मरने का अधिकार देता है।
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