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‘कनाडा के राजनयिकों को हमारी सेना…’ PM Modi के दूत ने ट्रूडो को दिया ऐसा जवाब, उनकी 7 पुश्तों को भी रहेगा याद

Sohail Rahman • LAST UPDATED : October 21, 2024, 10:54 pm IST

India News (इंडिया न्यूज), Jaishankar On Canada Issue: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार (21 अक्टूबर, 2024) को कनाडा के पाखंड की निंदा करते हुए कहा कि पश्चिमी देश अपने राजनयिकों को जो लाइसेंस देता है और जिस तरह से वह अपनी धरती पर अन्य देशों के राजनयिकों के साथ व्यवहार करता है, वह पूरी तरह से अलग है। जयशंकर ने कनाडा के साथ चल रहे विवाद के बारे में बात की। जब ओटावा ने भारत से अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा के राजनयिक कवर को हटाने की मांग की, जिन्हें खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में ‘रुचि का व्यक्ति’ नामित किया गया था। कनाडा के इस कदम से विवाद बढ़ गया, जिसके परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने राजनयिकों को निष्कासित कर दिया।

जयशंकर ने कनाडा के दोहरे मानदंडों को किया उजागर

मंत्री ने विदेशी देशों में सूचना एकत्र करने और विदेशी देशों के राजनयिकों द्वारा अपनी धरती पर ऐसी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के मामले में कनाडा के दोहरे मानदंडों को उजागर किया। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि, “ऐसा लगता है कि उन्हें (कनाडा को) समस्या है, अगर भारतीय राजनयिक यह पता लगाने की कोशिश भी करते हैं कि कनाडा में उनके कल्याण और सुरक्षा से जुड़े मामलों में क्या हो रहा है। लेकिन देखिए भारत में क्या होता है। कनाडा के राजनयिकों को हमारी सेना, पुलिस के बारे में जानकारी इकट्ठा करने, लोगों की प्रोफाइलिंग करने, कनाडा में रोके जाने वाले लोगों को निशाना बनाने में कोई समस्या नहीं है। इसलिए जाहिर है, वे खुद को जो लाइसेंस देते हैं, वह कनाडा में राजनयिकों पर लगाए जाने वाले प्रतिबंधों से बिल्कुल अलग है।”

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कनाडा पर लगाया ये आरोप

 जयशंकर ने कनाडा पर यह भी आरोप लगाया कि जब भारत विरोधी तत्व उसकी धरती पर भारतीय नेताओं और राजनयिकों को धमकाते हैं, तो वह “अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता” की आड़ में छिप जाता है। “जब हम उन्हें बताते हैं कि आपके पास भारत के नेताओं, भारत के राजनयिकों को खुलेआम धमकी देने वाले लोग हैं, तो उनका जवाब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता होता है। जब भारतीय पत्रकार सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हैं, अगर आप भारतीय उच्चायुक्त को धमकाते हैं, तो उन्हें इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के रूप में स्वीकार करना चाहिए। लेकिन अगर कोई भारतीय पत्रकार कहता है कि कनाडाई उच्चायुक्त साउथ ब्लॉक से बहुत गुस्से में बाहर निकले, तो यह स्पष्ट रूप से विदेशी हस्तक्षेप है। 

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जयशंकर ने इस मद्दे पर भी दी प्रतिक्रिया

हम आपको जानकारी के लिए बता दें कि, कनाडा द्वारा भारतीय मीडिया आउटलेट्स पर विदेशी हस्तक्षेप और सूचना का हेरफर करने का आरोप लगाया गया था। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए एस जयशंकर ने कहा कि, “हम इसे अपने देश में अलग तरीके से करेंगे। हम इसे विदेश में अलग तरीके से करेंगे। हम इसे अपने तरीके से करेंगे, लेकिन यह आप पर लागू नहीं होता। मुझे लगता है कि ये बड़े समायोजन हैं, जो इस बदलती दुनिया में होने चाहिए।”

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