India News (इंडिया न्यूज), Barack Obama: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने दुनिया के सात मुस्लिम देशों पर 26000 से ज्यादा बम गिराए थे। अमेरिकी सेना के इन हमलों में हजारों नहीं बल्कि लाखों मुसलमान मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर निर्दोष नागरिक थे। इसके बावजूद ओबामा को नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। ओबामा के कार्यकाल को ईरान के साथ परमाणु समझौते, क्यूबा के साथ कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत के लिए याद किया जाता है। बहुत कम लोग जानते हैं कि बराक ओबामा ने अमेरिकी इतिहास में किसी भी राष्ट्रपति की तुलना में लंबे समय तक युद्ध में शामिल रहने के बाद अपना पद छोड़ा था।
अपने दोनों कार्यकालों में जमकर लड़ा युद्ध
चार-चार साल के अपने लगातार दो कार्यकालों के दौरान, अमेरिका दुनिया भर के कई मुस्लिम देशों में युद्धों में शामिल रहा। इसके साथ ही ओबामा युद्धग्रस्त अमेरिका में दो पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले एकमात्र राष्ट्रपति भी हैं। ओबामा के कार्यकाल के दौरान ही अमेरिका ने बड़े पैमाने पर ड्रोन हमले शुरू किए थे। ओबामा ने खुद ड्रोन हमलों की जोरदार वकालत की थी। उनके कार्यकाल में जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल की तुलना में 10 गुना अधिक ड्रोन हमले किए गए।
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1 साल में 7 मुस्लिम देशों पर गिराए हजारों बम
ओबामा ने अपने कार्यकाल के दूसरे चरण में अफगानिस्तान और इराक में लड़ने वाले अमेरिकी सैनिकों की संख्या कम कर दी, लेकिन उन्होंने दुनिया भर में हवाई युद्ध और विशेष अभियान बलों का इस्तेमाल तेजी से बढ़ाया। 2016 में दुनिया के 138 देशों में अमेरिकी विशेष बल के कमांडो मौजूद थे, यानी 70 प्रतिशत। बुश प्रशासन के दिनों से यह 130 गुना की आश्चर्यजनक वृद्धि थी। अमेरिकी रक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस ने बताया कि अकेले 2016 में ओबामा प्रशासन ने कम से कम 26,171 बम गिराए। इसका मतलब यह है कि अमेरिकी सेना ने दुनिया भर के सात मुस्लिम देशों में हर दिन 72 बम गिराए। ये अमेरिकी हवाई हमले सीरिया, इराक, अफगानिस्तान, लीबिया, यमन, सोमालिया और पाकिस्तान में किए गए। ये सभी घोषित इस्लामिक देश हैं।
पीएम मोदी को लेकर क्या कहा था?
ओबामा ने कहा था कि, अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें दुनियाभर के ऐसे नेताओं से मिलना पड़ा जिन्हें वे लोकतांत्रिक नहीं मानते। इतना ही नहीं ओबामा ने यह भी कहा कि उन्होंने जलवायु परिवर्तन और अन्य क्षेत्रों पर पीएम मोदी के साथ काम किया है। लेकिन, उन्होंने कहा कि कूटनीतिक बातचीत में भारतीय लोकतंत्र के बारे में चिंता व्यक्त करना भी शामिल होना चाहिए।
हिंदू बहुल भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर ध्यान देने की जरूरत है। ओबामा ने कहा था कि, अगर मेरी पीएम मोदी से बातचीत हु, जिन्हें मैं बहुत अच्छी तरह से जानता हूं, तो मेरे तर्क का एक हिस्सा यह होगा कि अगर आप भारत में जातीय अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा नहीं करते हैं, तो इस बात की प्रबल संभावना है कि भारत किसी बिंदु पर टूटना शुरू हो जाएगा। और हमने देखा है कि जब इस प्रकार के बड़े आंतरिक संघर्ष होने लगते हैं तो क्या होता है।