India News (इंडिया न्यूज),Gulf Cooperation Council:भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार (8 सितंबर) को खाड़ी सहयोग संगठन (Gulf Cooperation Council, GCC) की बैठक में शामिल होने के लिए दो दिवसीय दौरे पर सऊदी अरब पहुंचे हैं। 9 सितंबर को भारत-जीसीसी विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। यह बैठक अपने आप में खास है क्योंकी यह भारत-जीसीसी विदेश मंत्रियों की पहली बैठक है। इस बैठक में रणनीतिक और आर्थिक साझेदारी बढ़ाने पर जोर दिया गया है। सऊदी अरब यात्रा के दौरान भारत के विदेश मंत्री ने जीसीसी के विदेश मंत्रियों से द्विपक्षीय मुलाकात भी की। अब जीसीसी में भारत के विदेश मंत्री के शामिल होने को लेकर भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान से प्रतिक्रिया सामने आई है।
बता दें खाड़ी सहयोग संगठन (GCC) में 6 देश सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कुवैत, ओमान, कतर और बहरीन शामिल हैं।भारत-जीसीसी बैठक को लेकर भारत में उच्चायुक्त रह चुके पूर्व पाकिस्तानी राजनयिक अब्दुल बासित ने कहा है कि यह भारत के लिए बड़ी सफलता है। उन्होंने एक वीडियो में कहा, ‘जब से नरेंद्र मोदी भारत आए हैं, उन्होंने बहुत व्यवस्थित तरीके से खाड़ी देशों के साथ संबंध बढ़ाए हैं और इसलिए आज हम देखते हैं कि इन देशों में रहने वाले भारतीयों की संख्या भी बढ़कर करीब 80-90 लाख हो गई है।’
मार्च 2022 में विदेश मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों में कहा गया था कि विदेशों में रहने वाले 1.34 करोड़ भारतीयों (NRI) में से 66% खाड़ी देशों में रहते हैं। मंत्रालय ने कहा था कि 6 खाड़ी देशों में 88.8 लाख से अधिक भारतीय रह रहे हैं।
अब्दुल बासित ने आगे कहा कि, ‘भारत ने कभी हार नहीं मानी… कूटनीति एक प्रक्रिया है, कोई घटना नहीं। ऐसे में यह पीएम मोदी की बड़ी सफलता रही है कि जीसीसी, खासकर यूएई और सऊदी के साथ रिश्ते बढ़े। और अब भारत और खाड़ी देशों के विदेश मंत्रियों की पहली बैठक हो रही है, तो यह उनके लिए बड़ी सफलता है।’ अब्दुल बासित ने आगे कहा कि यह बैठक भारत के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें भारत जीसीसी देशों को ओआईसी (57 इस्लामिक देशों का संगठन- इस्लामिक सहयोग संगठन) खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों से दूर रखने की कोशिश करेगा।
पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा कि बैठक के दौरान भारत एक बार फिर ओआईसी में शामिल होने पर जोर दे सकता है। सऊदी अरब को ओआईसी का सबसे प्रभावशाली सदस्य माना जाता है और संगठन का मुख्यालय भी सऊदी शहर जेद्दा में है। यूएई, कतर जैसे खाड़ी देश भी संगठन में अहम स्थान रखते हैं और भारत इन सभी देशों के साथ अपने संबंध बढ़ा रहा है।
2021 की जनगणना के अनुसार भारत में 20 करोड़ मुसलमान हैं और सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी के मामले में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। इसे देखते हुए भारत ने एक बार ओआईसी में शामिल होने की कोशिश की थी।
साल 2019 में यूएई में आयोजित ओआईसी की बैठक में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को ‘गेस्ट ऑफ ऑनर’ के तौर पर आमंत्रित किया गया था। इस दौरान सुषमा स्वराज ने भारत के ओआईसी में शामिल होने की वकालत की थी। भारत के ओआईसी में शामिल होने के विरोध में पाकिस्तान ने बैठक का बहिष्कार किया था।
अब्दुल बासित ने कहा, ‘जीसीसी की बैठक के दौरान भारत की कोशिश होगी कि सदस्य देश उसे ओआईसी में शामिल करने में तेजी दिखाएं, पहले उसे पर्यवेक्षक देश बनाएं और फिर उसे पूर्ण सदस्यता दें।’
बैठक को लेकर अब्दुल बासित ने अनुमान लगाया कि इस दौरान जयशंकर चाहेंगे कि सदस्य देश संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन करें। संयुक्त राष्ट्र में केवल 5 देशों अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस को स्थायी सदस्यता प्राप्त है। दुनिया में सबसे अधिक आबादी वाला देश होने के बावजूद भारत को इसकी पूर्ण सदस्यता नहीं मिली है।भारत की विदेश नीति की तारीफ करते हुए अब्दुल बासित ने आखिर में कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान भी कुछ ऐसा ही करेगा।
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