India News(इंडिया न्यूज),Gandhi Museum in America: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के अहिंसक और संघर्षपूर्ण डगर को प्रजव्लन अब अमेरिका में भी होगा। क्योंकि अब उत्तरी अमेरिका टेक्सास के ह्यूस्टन शहर में पहला गांधी संग्रहालय जनता के लिए खोल दिया गया है। बता दें कि, यह अमेरिका में एकमात्र महात्मा गांधी से संबंधित संग्रहालय है, जो गांधी के अहिंसक संघर्ष की चिरस्थायी विरासत को संरक्षित और आगे बढ़ाने के लिए समर्पित है। जानकारी के लिए बता दें कि, ये संग्रहालय को आधिकारिक तौर पर 15 अगस्त को जनता के लिए खोला गया था, लेकिन इसका फीता 2 अक्तूबर को गांधी की 154वीं जयंती पर किया गया था। 13,000 वर्ग फुट के संग्रहालय की वास्तुकला गांधी के चौबीस चक्र वाले चरखे पर आधारित है। उन्होंने इसका इस्तेमाल औपनिवेशिक शासन से आजादी पाने के लिए किया था।

अहिंसक संघर्ष की झलक

(Gandhi Museum in America)

जानकारी के लिए बता दें कि, इस संग्रहालय में गांधी के जीवन के विभिन्न अध्यायों को ध्यान में रखा गया है। जिसमें भारत में बीता उनका बचपन, अफ्रीका में एक वकील के रूप में प्रारंभिक व्यस्क जीवन और उसके बाद सत्याग्रह आंदोलन एवं स्वतंत्रता के लिए अहिंसक संघर्ष को दर्शाया गया है। वहीं बताया ये भी जा रहा है कि, संग्रहालय की अर्ध-वृत्ताकार बाहरी दीवारें महात्मा गांधी, मार्टिन लूथर किंग जूनियर, नेल्सन मंडेला, बेट्टी विलियम्स और अन्य विभिन्न शांति कार्यकर्ताओं को दर्शाती हैं।

  • संग्रहालय में बापू की प्रतिमा

संग्रहालय के सामने गांधी जी की एक मूर्ति लगी हुई है। संग्रहालय के उद्घाटन पर आमंत्रित किए गए अतिथियों में महात्मा गांधी के पौत्र डॉ. राजमोहन गांधी और मार्टिन लूथर किंग के भतीजे आइजैक न्यूटन फैरिस जूनियर, सीजीआई ह्यूस्टन डी मंजूनाथ शामिल थे। जिसके बाद डॉ. राजमोहन गांधी ने इस अवसर के बाके में बताया कि, ईजीएमएच मानवता को नफरत, हिंसा और वर्चस्व की भावना से परे ले जाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। गांधी और किंग दुनिया के लिए गरिमा, शांति और समानता के प्रतीक हैं।

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