India News (इंडिया न्यूज), Gaza Ceasefire: इजरायल और हमास के बीच चल रहे भीषण संघर्ष के बीच शांति की एक नै उम्मीद जगी है। अमेरिका, कतर और मिस्र की वजह से दोनों के बीच शांति वार्ता पर बात शुरू हुई है। जिसके बाद ये कयास लगाया जा रहा है कि मध्य पूर्व एशिया में शांति बहाल हो जाएगी। दरअसल, पिछले सप्ताह कतर की राजधानी दोहा में इजरायल और हमास के बीच शांति वार्ता हुई थी। जिसमें दोनों देशों के बीच युद्ध विराम को लेकर एक मसौदा तैयार किया गया था। उस समय यह घोषणा की गई थी कि अगले सप्ताह मिस्र के काहिरा में होने वाली वार्ता में युद्ध विराम की घोषणा की जाएगी। इस शांति वार्ता में अमेरिका के अलावा मिस्र और कतर भी शामिल हैं।
क्या होगा शांति बहाल?
बता दें कि, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन शांति वार्ता में भाग लेने के लिए इजरायल की राजधानी तेल अवीव पहुंच चुके हैं। वहीं हमास इस शांति वार्ता में सीधे तौर पर भाग नहीं ले रहा है। उसे मध्यस्थ कतर और मिस्र द्वारा घटनाक्रम की जानकारी दी जा रही है। अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों को भरोसा है कि इस बार युद्ध को रोकने के लिए कोई न कोई समाधान जरूर निकलेगा। इसीलिए इजरायल का एक प्रतिनिधिमंडल वार्ता के लिए रविवार को मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचा। ब्लिंकन सोमवार को इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने वाले थे।
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कौन-कौन बातचीत में शामिल?
इजरायली प्रतिनिधिमंडल में आमतौर पर मोसाद प्रमुख डेविड बार्निया शामिल होते हैं। उनके अलावा, शिन बेट या आंतरिक सुरक्षा सेवाओं के प्रमुख रोनेन बार और बंधक मामलों के लिए सेना के प्रतिनिधि के रूप में मेजर जनरल नित्ज़न एलोन भी शामिल होते हैं। वहीं हमास की टीम का नेतृत्व हमास के अनौपचारिक विदेश मंत्री खलील अल-हया कर रहे हैं, जो कतर में रहते हैं। हया राजनीतिक प्रमुख हनीयेह के करीबी थे, जिनकी पिछले महीने हत्या कर दी गई थी। गाजा में अपने संकटग्रस्त नेता याह्या सिनवार को पोलित ब्यूरो का नया प्रमुख बनाने के समूह के फैसले का वार्ता पर व्यावहारिक रूप से कोई खास असर नहीं पड़ा है। लेकिन कुल मिलाकर यह समूह की ओर से अधिक सख्त रुख का संकेत देता है।
साथ ही अमेरिका की तरफ से सीआईए निदेशक विलियम बर्न्स, कतर की तरफ से प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल-थानी और मिस्र की तरफ से खुफिया प्रमुख और राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के दाहिने हाथ अब्बास कामेल ने अधिकांश वार्ता में हिस्सा लिया है।
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