India News (इंडिया न्यूज), Mohammad Hadi Mofatteh: जर्मन सरकार ने हैम्बर्ग इस्लामिक सेंटर के प्रमुख मोहम्मद हादी मोफतेह को देश छोड़ने का आदेश दिया है। दरअसल, सरकार ने कट्टरपंथी इस्लामी लक्ष्यों को बढ़ावा देने के लिए केंद्र और उसके सहयोगियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। 57 वर्षीय मोफतेह को हैम्बर्ग आंतरिक विभाग ने निर्वासन नोटिस जारी किया है। जिसमें उन्हें दो सप्ताह के भीतर देश छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही जर्मन आंतरिक विभाग का कहना है कि अगर मोहम्मद हादी मोफतेह आदेश का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें 11 सितंबर तक अपने खर्च पर जर्मनी से जबरन निकाल दिया जाएगा।

जर्मनी ने क्यों उठाया ऐसा कदम

हैम्बर्ग आंतरिक विभाग ने कहा कि आदेश का उल्लंघन करने पर उन्हें जर्मनी में दोबारा प्रवेश करने या रहने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर वह ऐसा नहीं करते हैं, तो उन्हें तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है। दरअसल, जर्मनी में शिया धर्मगुरु मोहम्मद हादी मोफतेह इस्लामिक सेंटर के प्रमुख के तौर पर ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के आधिकारिक डिप्टी थे। जहाँ पिछले महीने जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में सक्रिय एक इस्लामिक संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस समूह पर ईरानी सरकार की विचारधारा को बढ़ावा देने और लेबनानी चरमपंथी समूह हिज़्बुल्लाह का समर्थन करने का आरोप है।

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कौन हैं मोहम्मद हादी मोफ़तेह?

बता दें कि, मोहम्मद हादी मोफ़तेह का जन्म 1966 में ईरान में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा तेहरान से ली, जिसके बाद उन्होंने 1984 में गणित में डिप्लोमा हासिल किया। वहीं, हादी मोफ़तेह के पिता की एक आतंकवादी समूह ने हत्या कर दी थी। उनके पिता तेहरान विश्वविद्यालय में प्रोफेसर और इस्लामिक विद्वान थे। उनके पिता धर्म में किसी भी तरह के चरमपंथ के खिलाफ़ थे। वहीं हादी मोफ़तेह 2008 से क़ोम विश्वविद्यालय में संकाय सदस्य हैं और उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर का दर्जा प्राप्त है। मोहम्मद हादी मोफ़तेह 2018 से इस्लामिक सेंटर हैम्बर्ग के 10वें इमाम और निदेशक के तौर पर काम कर रहे थे।

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