India News (इंडिया न्यूज),Israel–Hamas war:इजराइल और हमास के बीच युद्ध को करीब एक साल हो गया है। इस बीच हमास नेता याह्या सिनवार का एक दुर्लभ पत्र सामने आया है, जो हिजबुल्लाह प्रमुख हसन नसरल्लाह को लिखा गया था। इस पत्र में सिनवार ने ईरान समर्थित हिजबुल्लाह को अपना पूरा समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई है। माना जा रहा है कि हमास के राजनीतिक नेता सिनवार गाजा की सुरंगों में छिपे हुए हैं। सिनवार ने अपने पत्र में लिखा है कि वह मारे गए हमास नेता इस्माइल हनिया द्वारा अपनाए गए प्रतिरोध के रास्ते पर चलेंगे। साथ ही वह इस्लामी दुनिया की एकता के लिए प्रतिबद्ध हैं।

टेलीग्राम चैनल पर शेयर

हिजबुल्लाह ने इस पत्र को अपने टेलीग्राम चैनल पर शेयर किया है। इसमें सिनवार ने इजराइल के खिलाफ हिजबुल्लाह की जारी लड़ाई के लिए आभार जताया है। 7 अक्टूबर 2023 को हमास ने इजराइल पर हमला किया था, जिसके बाद इजराइल ने गाजा पर जवाबी कार्रवाई शुरू कर दी थी। इजराइल के हमले से गाजा में लाखों लोग प्रभावित हुए हैं। लेबनान का हिजबुल्लाह हमास का समर्थन करने के लिए सीमा पार से इजराइल पर गोलीबारी और रॉकेट दागता रहता है।

मोस्ट वांटेड है याह्या सिनवार

याह्या सिनवार इजराइल का मोस्ट वांटेड है। गाजा युद्ध शुरू होने के बाद से उसे नहीं देखा गया है। हिजबुल्लाह को लिखे पत्र से पहले तक उसका कोई बयान सार्वजनिक नहीं हुआ था। हमास के टेलीग्राम चैनल के मुताबिक, मंगलवार को उसने युद्ध के बाद अपना पहला बयान जारी किया, जिसमें अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देलमदजीद तेब्बौने को चुनाव जीतने पर बधाई दी। अगले दिन सिनवार ने इस्माइल हनिया की मौत पर शोक जताने वालों का शुक्रिया अदा किया। इसके बाद शुक्रवार को नसरल्लाह को पत्र मिला। इस बात की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी कि सिनवार ने ही पत्र लिखा है या नहीं।

क्यों लिखा है पत्र

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, गाजा के लेखक और विश्लेषक मुहम्मद शहदा ने कहा, ‘वह पत्र के जरिए यह कहने की कोशिश कर रहा है कि मैं यहां हूं, मैं जिंदा हूं और मैं ही हमास की कमान संभाल रहा हूं। सिनवार यह बताना चाहता है कि गाजा के बाहर जो कुछ भी हो रहा है, उससे वह पूरी तरह अपडेट है।’ उन्होंने आगे कहा कि पत्र के ज़रिए याह्या सिनवार यह दिखाना चाहते हैं कि वे एक साथ कई मोर्चों से निपट सकते हैं, जिसमें घरेलू मोर्चा, युद्ध का मैदान, कूटनीतिक मोर्चा और मध्यस्थता शामिल है। उनका मानना ​​है कि इस तरह के पत्र ख़ास तौर पर इज़रायली जनता के लिए लिखे जाते हैं, जिसमें सिनवार यह दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि वे बिना किसी हस्तक्षेप के अपना काम जारी रखे हुए हैं।

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