मानव तस्करी मामले में मिली राहत
समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, परिवार के चारों सदस्यों में से कोई भी जिनेवा की अदालत में मौजूद नहीं था, हालांकि पांचवें आरोपी और परिवार के बिजनेस मैनेजर नजीब जियाजी कार्यवाही में शामिल हुए। उन्हें भी 18 महीने की निलंबित सजा सुनाई गई है। स्विट्जरलैंड की एक अदालत ने भारतीय मूल के कारोबारी प्रकाश हिंदुजा, उनकी पत्नी, बेटे और बहू को नौकरों का शोषण करने और अनधिकृत रूप से काम देने का दोषी पाया है। हालांकि, परिवार को मानव तस्करी के आरोपों से मुक्त कर दिया गया है, क्योंकि अदालत ने कहा कि कर्मचारी उन शर्तों को समझते थे, जिन पर वे सहमत हुए थे।
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नौकरों को इस तरह किया जाता था प्रताड़ित
दशकों से स्विट्जरलैंड में रह रहे हिंदुजा परिवार पर नौकरों के पासपोर्ट जब्त करने, उन्हें स्विस फ्रैंक के बजाय रुपये में भुगतान करने, उनकी आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने और कम वेतन पर लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर करने का आरोप था। रसोइयों और घरेलू सहायकों सहित कर्मचारियों को कभी-कभी बहुत कम या बिना छुट्टी के दिन में 18 घंटे तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था। उन्हें स्विस कानून के तहत आवश्यक राशि के दसवें हिस्से से भी कम भुगतान किया जाता था। कथित तौर पर कुछ कर्मचारी कॉलोनी के पॉश इलाके में विला के बेसमेंट में सोते थे, कभी-कभी तो फर्श पर गद्दे पर भी सोते थे। इतना ही नहीं, कमल हिंदुजा ने कथित तौर पर नौकरों के बीच डर का माहौल भी बनाया था। प्रकाश हिंदुजा को इससे पहले 2007 में इसी तरह के आरोपों में दोषी ठहराया गया था, लेकिन अभियोजकों का आरोप है कि उन्होंने उचित दस्तावेज के बिना भी लोगों को नौकरी पर रखना जारी रखा।