India News (इंडिया न्यूज),Singapore Population:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे के बाद सिंगापुर एक बार फिर चर्चा में है। दुनिया के सबसे महंगे शहरों में से एक सिंगापुर अपनी खूबसूरती और भ्रष्टाचार को लेकर सख्त कानूनों के लिए जाना जाता है। 2022 के आंकड़ों के मुताबिक यहां की कुल आबादी 57 लाख है, जिसमें कई धर्मों के लोग रहते हैं और बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जो किसी भी धर्म को नहीं मानते।

सिंगापुर में इस धर्म के लोग सबसे ज्यादा

सिंगापुर में बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है, जो यहां की आबादी का करीब 33 फीसदी है। इसके बाद 20 फीसदी लोगों की आबादी है जो किसी भी धर्म को नहीं मानते। जबकि करीब 19 फीसदी लोग ईसाई धर्म को मानते हैं। फिर आते हैं मुस्लिम धर्म के लोग, जो इस आबादी के 15.6 फीसदी हैं। सिंगापुर में 5 फीसदी हिंदू रहते हैं। हालांकि, यह आंकड़ा बढ़ा है।

सिंगापुर में हिंदू आबादी बढ़ी

2020 की जनगणना के मुताबिक सिंगापुर में 1 लाख 72 हजार 963 हिंदू आबादी रहती है। 1980 में यह आबादी 3.6 प्रतिशत हुआ करती थी, जो अब बढ़कर 5 प्रतिशत हो गई है। बहुत कम लोग जानते हैं कि सिंगापुर में दिवाली राष्ट्रीय अवकाश होता है। हिंदू धर्म और संस्कृति यहां सातवीं शताब्दी से चली आ रही है और धार्मिक स्वतंत्रता पर कोई प्रतिबंध नहीं है। सिंगापुर में कई मंदिर भी स्थित हैं।

40 सालों में घटी मुस्लिम आबादी

यहां कुछ आंकड़े दिए गए हैं जिनसे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले 40 सालों में मुसलमानों की आबादी में कितनी कमी आई है। 1980 में बौद्ध धर्म को मानने वालों की आबादी 26.7 प्रतिशत थी, जो 2020 में बढ़कर 31.1 प्रतिशत हो गई। इसी तरह किसी भी धर्म को न मानने वालों की आबादी 1980 में 13.1 प्रतिशत थी, जो 2020 में बढ़कर 20 प्रतिशत हो गई। ईसाइयों की आबादी 9.9 प्रतिशत थी, जो बढ़कर 18.9 प्रतिशत हो गई। इसी तरह इस्लाम को मानने वालों की आबादी 16.2 प्रतिशत थी, जो घटकर 15.6 प्रतिशत हो गई।

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