India News (इंडिया न्यूज), Hindus in Pakistan Army: पाकिस्तान का उदय 1947 में तब हुआ जब भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली, उस समय अलग देश की मांग पर मुस्लिमों को नया देश हिंदुस्तान को बांट का बनाया गया। लेकिन आजादी के बाद वहां सेर कई हिंदू भारत चले आए, तो वहीं कइयों ने वहां रहने का फैसला किया। लेकिन समाय के साथ उनपर हुए जुल्मों की वजह वहां उनकी जनसंख्या न के बराबर रह गई है। 240 मिलियन की आबादी वाला देश पाकिस्तान दुनिया का पांचवां सबसे ज़्यादा आबादी वाला देश है। इसकी 90% से ज़्यादा आबादी इस्लाम को मानती है, जिनमें से ज़्यादातर सुन्नी मुसलमान हैं, उसके बाद एक छोटा शिया मुस्लिम समुदाय है।

कितनी है हिंदुओं की जनसंख्या

बता दें कि, हिंदू, ईसाई, सिख और अन्य सहित धार्मिक अल्पसंख्यक आबादी का एक छोटा प्रतिशत बनाते हैं। सेंटर फ़ॉर पीस एंड जस्टिस की 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की आबादी में हिंदुओं की हिस्सेदारी 1.18% है। ऐतिहासिक रूप से, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों को सेना जैसे संस्थानों में शामिल होने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। दरअसल, हिंदुओं को पहले पाकिस्तानी सेना में सेवा करने से रोक दिया गया था। यह 2000 में बदल गया, जब सेना ने हिंदुओं की भर्ती शुरू की। 2006 में, कैप्टन दानिश पाकिस्तानी सेना में पहले हिंदू अधिकारी बने।

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सेना में कितने हिंदू शामिल है?

दरअसल, पाकिस्तानी सेना में 654,000 सक्रिय सैनिक और लगभग 500,000 आरक्षित सैनिक हैं। उन्होंने तब से धीरे-धीरे हिंदू सैनिकों को शामिल किया है। रिपोर्टों के अनुसार, पाकिस्तानी सेना में लगभग 200 हिंदू सैनिक सेवारत हैं। 2022 तक, दो हिंदू अधिकारियों, मेजर डॉ कैलाश कुमार और मेजर डॉ अनिल कुमार को लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर पदोन्नत किया गया है।

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