India News (इंडिया न्यूज),Donald Trump:अमेरिका को डोनाल्ड ट्रंप के रूप में अपना 47वां राष्ट्रपति मिल गया है। सोमवार को ट्रंप ने वाशिंगटन डीसी के कैपिटल हिल के हॉल में शपथ ली। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में देश-दुनिया से कई मेहमान और नेता भी शामिल हुए। ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के बाहर आयोजित जश्न कार्यक्रम में भारत का मोस्ट वांटेड खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू भी नजर आया।
खालिस्तानी नारे भी लगाता आया नजर
दावा किया जा रहा है कि ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पन्नू समारोह स्थल के अंदर देखा गया और खालिस्तानी नारे भी लगाता नजर आया। पन्नू ने दावा किया है कि उसे ट्रंप ग्रुप ने आमंत्रित किया था। वहीं, सूत्रों ने दावा किया है कि पन्नू ने अपने एक संपर्क सूत्र के जरिए टिकट खरीदा था। जिसके बाद वह ट्रंप के आधिकारिक समारोह में दाखिल हुआ। इतने हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम में पन्नू की मौजूदगी भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर के साथ-साथ समारोह स्थल पर मौजूद अन्य गणमान्य लोगों के लिए सुरक्षा चिंता पैदा करती है।
पन्नू की हत्या की साजिश का आरोप
पिछले साल अमेरिका ने भारत पर पूर्व खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की ‘हत्या की साजिश’ रचने का आरोप लगाया था। अमेरिका ने आरोप लगाया था कि पूर्व भारतीय अधिकारी ने न्यूयॉर्क में पन्नू की हत्या की साजिश रची थी। इसके लिए एक भाड़े के शूटर को काम पर रखा गया था। इसके साथ ही अमेरिका ने पूर्व भारतीय अधिकारी पर मनी लॉन्ड्रिंग का भी आरोप लगाया था।
कानूनी कार्रवाई की सिफारिश
अमेरिका ने पन्नू की हत्या की नाकाम कोशिश के सिलसिले में विकास यादव का नाम लिया था। पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है। विकास यादव भारत की खुफिया एजेंसी रॉ का पूर्व अधिकारी बताया जाता है। हाल ही में गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा था कि मामले की लंबी जांच के बाद एक व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की सिफारिश की गई है। जांच में उसके पिछले आपराधिक संबंध और पृष्ठभूमि का भी पता चला है।
भारत का क्या है तर्क?
हालांकि, भारत सरकार ने ऐसे किसी व्यक्ति का नाम नहीं लिया, जिसके खिलाफ कार्रवाई शुरू की गई हो। गृह मंत्रालय ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के सुरक्षा हितों को कमजोर करने वाले कुछ संगठित आपराधिक समूहों, ड्रग तस्करों और आतंकवादी संगठनों के बारे में अमेरिकी अधिकारियों से जानकारी मिलने के बाद, सरकार ने नवंबर 2023 में एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया था।