India News (इंडिया न्यूज),Pakistan:अंग्रेजों के खिलाफ लंबी लड़ाई के बाद जब आखिरकार भारत को आजादी मिली तो उसे बंटवारे का दर्द भी सहना पड़ा और एक नए देश पाकिस्तान का जन्म हुआ। धर्म के आधार पर भारत से अलग हुए इस देश को भी 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली। हालांकि, पाकिस्तान अपना स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को मनाता है।
पाकिस्तान में कैसे मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस, भारत से कितना अलग
भारत और पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस समारोह में कोई खास अंतर नहीं है। बल्कि यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि पाकिस्तान भारत के गणतंत्र दिवस समारोह की तर्ज पर ही अपना स्वतंत्रता दिवस मनाता है। अगस्त का महीना शुरू होते ही पूरे पाकिस्तान में जगह-जगह राष्ट्रीय ध्वज, बैनर, पोस्टर और बैज आदि की बिक्री शुरू हो जाती है। इसके लिए खास स्टॉल लगाए जाते हैं। ये फन फेयर और दुकानों में भी खूब मिलते हैं। वाहनों, निजी इमारतों, घरों और मोहल्लों को राष्ट्रीय ध्वज, मोमबत्तियों, दीयों आदि से सजाया जाता है।
धार्मिक स्थलों पर विशेष प्रार्थना
पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत देश भर की मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों पर देश की तरक्की के लिए विशेष प्रार्थना के साथ होती है। इस दिन पूरे देश में छुट्टी होती है। यह पाकिस्तान की छह सार्वजनिक छुट्टियों में से एक है। इस दिन पूरे देश में जश्न मनाया जाता है। राज्य सरकारों और स्थानीय निकायों से लेकर आम आदमी तक, हर कोई इस जश्न को मनाता है।
जिन्ना म्यूजियम
कराची में मजार-ए-कायद यानी जिन्ना म्यूजियम को खास तौर पर सजाया जाता है। यहां शाहराह-ए-फैसल, शाहराह-ए-कायदीन और मजार-ए-कायद रोड जैसी सभी प्रमुख सड़कों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। पाकिस्तान का राष्ट्रीय ध्वज सरकारी, निजी प्रतिष्ठानों, स्कूल-कॉलेजों और हर जगह फहराया जाता है।
31 तोपों की सलामी
मुख्य समारोह राजधानी इस्लामाबाद में आयोजित किए जाते हैं। वहां संसद भवन और राष्ट्रपति भवन में पाकिस्तान का झंडा फहराया जाता है। यहां झंडे को 31 तोपों की सलामी दी जाती है, जबकि राज्यों की राजधानियों में आयोजित समारोहों में पाकिस्तानी झंडे को 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
परेड का आयोजन
परेड का आयोजन सेना, वायुसेना और नौसेना द्वारा किया जाता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। इस समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर किसी विदेशी मेहमान को आमंत्रित किया जाता है, जबकि उनकी सैन्य टुकड़ियां भी कभी-कभी परेड का हिस्सा बन जाती हैं।
प्रधानमंत्री देश के लोगों को करते हैं संबोधित
स्वतंत्रता दिवस पर पाकिस्तान के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अपने देश के लोगों को संबोधित करते हैं, जिसका सीधा प्रसारण किया जाता है। इसके अलावा अलग-अलग जगहों पर आयोजित समारोहों में सरकारी अधिकारी, राजनेता और अन्य हस्तियां झंडा फहराते हैं और अपने भाषणों में देश की उपलब्धियों का वर्णन करते हैं। देश की भविष्य की योजनाओं के बारे में बताया जाता है और देश के लिए जान देने वालों के बलिदान को याद किया जाता है।
साल 2017 में पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस ने एक नई शुरुआत की। इसने स्वतंत्रता दिवस पर यात्रा करने वाले पाकिस्तानियों के लिए कलाकारों को बुलाकर घरेलू उड़ानों में राष्ट्रगान पेश करना शुरू किया।
सरकारी इमारतों की सजावट
स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर पाकिस्तान की सभी सरकारी इमारतों, खास तौर पर संसद भवन, सुप्रीम कोर्ट, राष्ट्रपति भवन और प्रधानमंत्री सचिवालय को सजाया जाता है। उन्हें रंग-बिरंगी चमकदार लाइटों से सजाया जाता है। लाहौर में मीनार-ए-पाकिस्तान, जहां 1940 में पाकिस्तान प्रस्ताव पारित किया गया था, स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर पूरी तरह से जगमगाती है, ताकि पाकिस्तान के निर्माण में इसकी भूमिका को दर्शाया जा सके।
दूसरी तरफ के सैनिकों को मिठाई खिलाते हैं सीमाओं पर तैनात अर्धसैनिक
राष्ट्रीय प्रतीकों पर सशस्त्र बलों द्वारा गार्ड ऑफ चेंज का आयोजन भी किया जाता है। पाकिस्तान के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर तैनात अर्धसैनिक बल के जवान इस दिन दूसरी तरफ के सैनिकों को मिठाई खिलाते हैं। पाकिस्तान में स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेने वाले आम लोग आमतौर पर इस दिन पाकिस्तान के आधिकारिक रंग हरे और सफेद रंग के कपड़े पहने हुए दिखाई देते हैं।
14 अगस्त को क्यों मनाया जाता है स्वतंत्रता दिवस ?
भारत और पाकिस्तान को एक ही दिन स्वतंत्रता मिलने के बावजूद, स्वतंत्रता दिवस को अलग-अलग दिन मनाने के कई कारण हैं। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि 14 अगस्त को पाकिस्तान को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी गई थी। इसलिए, इस दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। यह भी कहा जाता है कि तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन ब्रिटिश सरकार के प्रतिनिधि थे और वे एक साथ दिल्ली और कराची में मौजूद नहीं हो सकते थे। इसीलिए उन्होंने 14 अगस्त को ही पाकिस्तान को सत्ता हस्तांतरित कर दी।
इसके पीछे एक और अहम वजह दोनों देशों का मानक समय है। भारत का मानक समय पाकिस्तान के मानक समय से 30 मिनट आगे है। यानी जब भारत में 12 बज रहे होते हैं, तब पाकिस्तान में 11:30 ही बज रहे होते हैं। ऐसे में माना जाता है कि चूंकि अंग्रेजों ने भारत में भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम पर हस्ताक्षर किए थे और उस समय रात के 12:00 बज रहे थे, यानी भारत में एक नए दिन की शुरुआत हो चुकी थी, लेकिन पाकिस्तान में 14 अगस्त को रात के 11:30 ही बजे थे।