Imran Khan In Trouble
इंडिया न्यूज, इस्लामाबाद:
पाकिस्तान के पीएम और पूर्व क्रिकेटर इमरान खान की हालत ऐसी है कि एक तरफ कुआं दूसरी तरफ खाई। पाकिस्तान में इमरान खान के गिरने की आशंका जताई जा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट से लेकर सेना तक से इमरान को झटका लग रहा है। इसके बाद वे डरे नजर आ रहे हैं।
पाकिस्तान में इमरान खान से इस्तीफा मांगा जा रहा है। संसद में इमरान सरकार ने एक बिल पेश किया था, लेकिन सपोर्ट नहीं मिलने के कारण यह पास नहीं हो सका। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने ये कहा कि इमरान सरकार के पास बहुमत नहीं है। ये भी हो सकता है कि आने वाले समय में इमरान सरकार को जल्द ही बहुमत सिद्ध करने के लिए कहा जाए। पाकिस्तानी पत्रकारों ने तो इमरान सरकार के गिरने की तारीख तक बता दी है। उनकी मानें तो एक हफ्ते के भीतर इमरान सरकार गिर जाएगी।
10 नवंबर को इमरान खान ने संसद का संयुक्त सत्र बुलाने का फैसला लिया, लेकिन 30 मिनट बाद ही इसे टाल दिया। असल में इमरान एक बिल पास करना चाहते थे लेकिन वो अपने सहयोगी दलों को भी सपोर्ट करने के लिए राजी नहीं कर पाए। सासंदों को अपने पक्ष में करने के लिए इमरान खान ने लंच का प्रोग्राम रखा। सहयोगी पार्टियों को बुलाया। समर्थन के लिए जिहाद वाला भाषण भी दिया। लेकिन सारी कवायद बेकार साबित हुई।
इमरान खान के सांसद ने एक बिल पेश किया लेकिन वो पास नहीं हो सका। जबकि विपक्षी दलों ने अपना बिल संसद में रखकर बहुमत से पास करा लिया। यानी पाकिस्तान में सरकार तो इमरान की है लेकिन उनके सांसद ही अपने कप्तान के खिलाफ वोटिंग कर रहे हैं। संसद में विपक्ष की मर्जी से बिल पास हो रहे हैं। इस्लामाबाद में किसी सरकार ने ऐसी शर्मिंदगी का सामना आज तक नहीं किया। जिसके बाद से ही पाकिस्तानी टीवी चैनलों पर इमरान खान की सरकार के गिरने की अटकलें लगाई जाने लगी।
अब जरा पाकिस्तान में इमरान खान की मौजूदगी को समझते हैं। इमरान खान की सबसे नई दुश्मनी पाकिस्तानी जनरल कमर जावेद बाजवा से हुई है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान के प्रदर्शनकारियों पर बल प्रयोग करने का आदेश पाकिस्तानी आर्मी चीफ को दिया। लेकिन बाजवा ने साफ कर दिया कि वो तहरीक-ए-लब्बैक के खिलाफ बल का प्रयोग नहीं करेंगे।
बता दें कि तहरीक-ए-लब्बैक इमरान के लिए गले का कांटा बन गई है। जैसे ही इस संगठन ने इस्लामाबाद कूच किया इमरान सरकार की धड़कने तेज हो गई। आनन-फानन में रेंजर्स को तैनात किया गया लेकिन वो भी इन्हें रोकने में नाकामयाब नजर आने लगे। तब इमरान ने आर्मी चीफ बाजवा से मुलाकात कर तहरीक-ए-लब्बैक के खिलाफ एक्शन लेने की बात कही। लेकिन बाजवा ने इससे साफ इनकार कर दिया।
साल 2014 में पाकिस्तान के पेशावर के आर्मी स्कूल पर हुए हमले को लेकर सुप्रीम कोर्ट संज्ञान लेते हुए इमरान खान को फटकार लगाई है। चीफ जस्टिस गुलजार अहमद ने प्रधानमंत्री इमरान खान को व्यक्तिगत रूप से तलब किया। उन्होंने कहा कि ये मामले ऐसे नहीं चलेंगे और इसके लिए जिम्मेदारी तय करनी होगी।
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